जानिए मंदिर में जाने से पहले क्यों बजाते हैं घंटी , छुपे हैं कई राज़

नई दिल्ली : आमतौर पर लोग मंदिर में घुसने से पहले वहां लगी घंटियों को जरूर बजाते हैं। वहीं उसके बाद ही वो भगवान के दर्शन करते हैं। लेकिन हिंदू धर्म में मंदिरों के बाहर घंटी लगाने की परंपरा सदियों पुरानी है, लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर मंदिर में जाने से पहले घंटी क्यों बजाते हैं? इसकी वजह बेहद ही खास है।

मंदिर

 

बता दें की सुबह-शाम मंदिरों में जब पूजा-आरती की जाती है तो एक विशेष लय और धुन के साथ छोटी-बड़ी घंटियां बजाई जाती हैं। मान्यता है कि घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है, जिसके बाद उनकी पूजा और आराधना अधिक फलदायक और प्रभावशाली बन जाती है।

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जहां पुराणों के अनुसार, मंदिर में घंटी बजाने से इंसान के कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। कहते हैं कि जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ, तब जो नाद (आवाज) गूंजी थी, वही आवाज घंटी बजाने पर भी आती है। घंटी उसी नाद का प्रतीक है।

दरअसल मंदिर के बाहर लगी घंटी या घंटे को काल का प्रतीक भी माना गया है। ऐसा माना जाता है कि जब धरती पर प्रलय आएगा, उस समय भी घंटी बजाने जैसा ही नाद वातावरण में गूंजेगा। जहां मंदिर में घंटी लगाए जाने के पीछे न सिर्फ धार्मिक कारण है बल्कि वैज्ञानिक कारण भी हैं।

वैज्ञानिकों का कहना हैं की जब घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में कंपन पैदा होता है, जो वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाता है। इस कंपन का फायदा यह है कि इसकी सीमा में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव आदि नष्ट हो जाते हैं, जिससे मंदिर और उसके आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है।

लेकिन कहते हैं कि जिन जगहों पर घंटी बजने की आवाज नियमित आती है, वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध और पवित्र बना रहता है। यह भी माना जाता है कि घंटी बजाने से नकारात्मक शक्तियां हटती हैं, जिससे लोगों के समृद्धि के द्वार खुल जाते हैं।

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