जानिए पेड़ से प्रकट होकर भक्तों को दर्शन देते हैं हनुमान जी, शनि की पीड़ा से दिलाते हैं छुटकारा

नई दिल्ली :  हनुमान जी को कलयुग के देवता माना जाता है और कहते हैं कि कलयुग के समस्त पापों का नाश करने के लिए और जीवन की कठिनाइयों को दूर करने के लिए हनुमान जी की उपासना करना कल्याणकारी होता है। देशभर में हनुमान जी के कई मंदिर हैं।

 

हनुमान जी

 

 

 

जो भक्तों में उनकी विशेष आस्था के प्रतीक माने जाते हैं। आज हनुमान जी के जिस मंदिर के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं वह हनुमान जी का बहुत ही खास मंदिर है जो मिर्जापुर के विंध्याचल पर्वतों के पास स्थित है। हनुमान जी के इस मंदिर का नाम बंधवा हनुमान मंदिर है जहां आने वाले लोगों की आस्था बहुत खास है।

 

 

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इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां हनुमान जी एक वृक्ष में से प्रकट हुए थे हालांकि हनुमान जी की यह प्रतिमा यहां कब से है इस बारे में किसी को खास जानकारी नहीं है। यहां आने वाले श्रद्धालु मानते हैं कि हनुमान जी यहां बालक रूप में प्रकट हुए थे। मान्यता है कि विंध्याचल पर्वत की त्रिकोण यात्रा के दौरान बंधवा हनुमान जी के दर्शन किए जाते हैं और उन्ही के दर्शन से इस धाम की यात्रा पूरी होती है।

 

 

हनुमान जी का यह मंदिर बहुत प्राचीन माना जाता है जिसके बारे में यहां के लोगों का कहना है कि यहां मौजूद हनुमान जी प्रतिमा का आकार भी धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। हनुमान जी के इस मंदिर की इतनी महिमा है कि यहां आने वाले भक्तों को कभी भी शनि देव के प्रकोप का सामना नहीं करना पड़ता साथ ही शनि प्रकोप झेल रहे लोग यहां आकर इस समस्या से छुटकारा पाते हैं।

 

बांधवा हनुमान मंदिर में हनुमान जी को लड्डू, तुलसी के पत्ते और फूल चढ़ाने की विशेष मान्यता है जिससे व्यक्ति को हनुमान जी की कृपा मिलती है। कष्टों से मुक्ति दिलाने वाले बाल रूप में यहां हनुमान जी लोगों की आस्था का खास केन्द्र हैं।

 

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