#Christmas2017: जानिए, पहली बार कब सजाया गया था क्रिसमस ट्री

क्रिसमस25 दिसंबर को क्रिसमस पूरी दुनिया में शानदार तरीके से सेलिब्रेट किया जाता है. बचपन से ही हम सैंटा के बारे में कहानियां सुनते रहे हैं. कई ऐसी बातें हैं, जो शायद ही किसी को पता हो. इस पर्व को मनाने में क्रिसमस ट्री का विशेष महत्व होता है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि पहली बार क्रिसमस ट्री को कब सजाया गया था. नहीं तो अब जान लीजिए. साथ ही क्रिसमस ट्री से जुड़ी ये रोचक बातें आपको हैरान कर देंगी.

क्रिसमस ट्री से जुड़ी खास बातें

इतिहास

क्रिसमस ट्री सर्दियों के बीच जीवन का एक प्राचीन प्रतीक था. इस पेड़ का सबसे पहले इस्तेमाल कब किया गया था इस बारे में किसी को जानकारी नहीं है लेकिन ऐसा माना जाता है कि लगभग 1000 साल पहले उत्तरी यूरोप में इसकी शुरुआत हुई थी. शुरुआती क्रिसमस ट्री छतरियों में झूमर या रोशनी के हुक से उल्टा लटकाए जाते थे.

प्रतीकात्मक अर्थ

क्रिसमस ट्री जीवन, पुनर्जन्म और सहनशक्ति का प्रतिनिधि करता है, जो कि सर्दियों के मौसम में जीने के लिए बहुत जरुरी है. यह माना जाता था कि सर्दी के महीनों में बुरी आत्माएं अपनी सबसे मजबूत स्थिति पर होती थी. इस दौरान इस पेड़ को उपयोग करके अंधेरेयुक्त सबसे ठंडी स्थितियों को हल्का करना, सकारात्मकता को आमंत्रित करना और बुरी आत्माओं को दूर करना था.

क्रिसमस ट्री को क्यों सजाया जाता है

क्रिसमस के पेड़ को सजाने की शुरुआत उस समय से हुई जब लोग सर्दी के पेड़ों को सजाने के लिए इस्तेमाल करते थे, जिनके पत्ते नहीं होते थे. उनका मानना था कि जब इन पेड़ों से पत्तियां गिर जाती थी, तब पेड़ की आत्मा उसे छोड़ देती थी. इसलिए लोगों ने क्रिसमस ट्री को गहने के साथ सजाने और पवित्र आत्माओं को आकर्षित करने के लिए इसे सुंदर दिखाने का फैसला किया.

रोचक तथ्य

रोमन लोग सर्दियों में सदाबहार शाखाओं को अपने घरों को सजाने के लिए इस्तेमाल करते थे.

उत्तरी यूरोप ने सदाबहार पेड़ों को काटा और क्रिसमस के समय के दौरान उन्हें अपने घरों के अंदर बक्से में लगाया.  दूसरी मान्यता के अनुसार, जब यीशु मसीह का जन्म हुआ था, तब बहुत तेज सर्दी थी और बर्फबारी की वजह से दुनिया भर के पेड़ों पर से पत्तियां गिर गई इन पेड़ों ने नई हरी पत्तियों का उत्पादन किया.

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