जानिए नाग पंचमी के दिन नाग देवता की क्यों की जाती पूजा , इससे सौभाग्य का क्या संबंध…
सावन का महीना चल रहा हैं । वहीं सावन के दिनों में नागपंचमी भी आता हैं। बतादें की नागपंचमी का हिन्दू पर्व में काफी महत्त्व दिया गया हैं।देखा जाये तो सनातन परंपरा में अनन्त, वासुकी, तक्षक कर्कोटक, महापद्म, नील, शंखपाल, कुलिक, कालिया नाग की पूजा विशेष रूप से वर्णन मिलता हैं।
जानिए नाग पूजा के द्वारा हम किन शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं —
मौलाना अरशद बोले- उम्मीद है अयोध्या का फैसला कानून पर आधारित होगा आस्था पर नहीं…
वहीं किसी भी खाली जमीन पर मकान का निर्माण शुरु करने से पहले भूमि की पूजा की जाती है। भूमि के इस विशेष पूजा में चांदी के नाग और कलश की भी पूजा होती है। यह विशेष रूप से जमीन से जुड़े वास्तु दोष को दूर करने के लिए की जाती है। मान्यता है कि भूमि के नीचे पाताल लोक है। जिसके स्वामी भगवान विष्णु के सेवक शेषनाग भगवान हैं। जिन्होंने अपने फन पर पृथ्वी को उठाकर रखा हुआ है।
जहां ऐसे में मकान का निर्माण करने से पूर्व नींव पूजन में चांदी के सांप की पूजा कर भगवान शेषनाग की कृपा पाने की कामना की जाती है। ताकि भगवान शेषनाग उस बनाए जाने वाले मकान को उसी प्रकार कर संभालकर कर रखें, जिस प्रकार पृथ्वी को संभालकर रखा है।
दरअसल यदि आपको अक्सर सपने में सांप दिखाई देता है या फिर आपको सांप से अधिक डर लगता है तो आपको विधि-विधान से सांप की पूजा करनी चाहिए। विशेष रूप से नागपंचमी के दिन जरूर नाग की पूजा करें। इससे सांपों को लेकर आपका भय दूर हो जाएगा और साथ ही सांपों से जुड़े सपने भी दूर हो जाएंगे। यदि आपकी कुंडली में कालसर्पदोष है तो आप नाग पंचमी के दिन चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा बनवाकर, विधि-विधान से पूजन करें। पूजन के पश्चात् चांदी के इस नाग-नागिन के जोड़े को बहते जल में प्रवाहित कर दें।