जानिए जल्द भारत में लॉन्च होगा व्हाट्सऐप का ‘गेमचेंजर’, पेटीएम को देगा टक्कर…

सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक के सीईओ और संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने 24 अप्रैल को एलान किया था कि उनकी सहयोगी कंपनी व्हाट्सऐप जल्द ही भारत में अपनी पेमेंट सेवा, ‘व्हाट्सऐप पे’ को शुरू करने जा रही है।
व्हात्सप
जहां इस सेवा को शुरू करने के लिए अभी कंपनी अपनी तरफ से सारी तैयारियां कर रही है। भारत में व्हाट्सऐप पे पेटीएम को कड़ी टक्कर देगा।

इतना हो सकता है भारत का डिजिटल पेमेंट उद्योग

सिर्फ व्हाट्सऐप ही नहीं, हाल ही में अमेजन ने भी एंड्रॉयड ग्राहकों के लिए अमेजन पे यूपीआई लॉन्च करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही एप्पल पे भी बाजार में कदम रख चुकी है। गूगल पे ने भी इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को मजबूती दी है। मार्च में गूगल पे ने रेकॉर्ड 81 अरब लेन-देन को अंजाम दिया था। बता दें कि मौजूदा समय में गूगल पे के करीब 4.5 करोड़ ग्राहक हैं। साल 2023 तक भारत का डिजिटल पेमेंट उद्योग एक लाख करोड़ डॉलर का हो जाने की उम्मीद है।

सबसे बड़ा गेमचेंजर होगा वॉट्सऐप पे

हालांकि व्हाट्सऐप पे इस क्षेत्र का सबसे बड़ा गेमचेंजर बनने जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि वर्तमान में व्हाट्सऐप के 30 करोड़ ग्राहक हैं। ऐसे में पीयर-टू-पीयर यूपीआई आधारित पेमेंट सर्विस शुरू होने के बाद व्हाट्सऐप अपने ग्राहकों की संख्या के मामले में इस क्षेत्र की दिग्गज पेटीएम को पछाड़ सकती है।

पेटीएम के सीईओ ने किया था ट्वीट

हाल ही में पेटीएम के फाउंडर एवं सीईओ विजय शेखर शर्मा ने ट्वीट कर कहा था कि, ‘फ्री बेसिक्स के सस्ते ट्रिक्स से भारत के ओपन इंटरनेट के खिलाफ लड़ाई हारने के बाद फेसबुक एक बार फिर दांव आजमाने वाली है।’ शर्मा इस बात से वाकिफ हैं कि उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा से गुजरना होगा।
जुकरबर्ग ने फिलहाल इसकी डेडलाइन नहीं बताई है कि आखिर कब वो व्हाट्सऐप पे को लॉन्च करेंगे। कंपनी ने कहा कि भारत में डाटा को स्थानीय स्तर पर रखने की मांग की वजह से काफी देरी हो रही है।

नहीं हो पाएगा गोपनीय तरीके से पेमेंट

हालांकि जुकरबर्ग का यह कहना कि पेमेंट भी चैटिंग की तरह गोपनीय तरीके से हो सकता है, ऐसा मुमकिन नहीं है। भारत में बैंकिंग नियमों को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) तय करता है। बैंक खातों के जरिए जो भी लेन-देन होता है, उसकी जानकारी आरबीआई के अलावा आयकर विभाग सहित तमाम एजेंसियों को होती है।

व्हाट्सऐप पे के लिए आपको केवाईसी देनी होगी, जिसमें पैन कार्ड, आधार कार्ड और बैंक खाता नंबर जरूरी है। इसलिए इस सेवा को गोपनीय तरीके से प्रयोग करने की बात कहना कहीं से भी गले नहीं उतर रहा है। इसलिए हमारा मानना है कि जुकरबर्ग समेत पूरी कंपनी को भारत में इस सेवा को शुरू करने से पहले आरबीआई, केंद्र सरकार के सभी नियमों का पालन करना पड़ेगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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