जानिए गुजरात के इस मंदिर में आखिर क्यों हो रहो हैं सदियों चौकीदार की पूजा

नई दिल्ली : चौकीदार शब्द ऐसा है जिसे आजकल आप टीवी में खूब सुन रहे हैं। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद को चौकीदार कहा है और अपने नाम के आगे इस शब्द को जोड़ा है। वहीं भाजपा के कई दिग्गज राजनेता भी सोशल मीडिया पर चौकीदार बन चुके हैं। पूजा

बता दें की गांव के निवासी मानसिंह वसावा ने कहा, ‘चूंकि चुनाव होने वाले हैं ऐसे में हम इन दिनों प्रधानमंत्री मोदी से चौकीदार शब्द के बारे में बहुत कुछ सुन रहे हैं। लोग आजकल अपने नाम में चौकीदार को जोड़कर गर्व महसूस कर रहे हैं लेकिन हम लंबे समय से चौकीदार की पूजा कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों के अनुसार, ‘एक बार पंडोरी माता नाराज होकर घर छोड़कर चली गई थीं। जिसके बाद राजा पंडादेव ने उन्हें ढूंढना शुरू कर दिया। और उन्होंने देव मोगरा गांव मे उनके घोड़े को रोक दिया था।’ मानसिंह ने कहा, ‘यह स्थान लोगों के लिए पूजनीय स्थल बन गया और बाद में यहां पंडोरी माता का एक मंदिर बनाया गया। मंदिर से थोड़ी सी दूरी पर देवदारवनिया चौकीदार का मंदिर भी बनाया गया है।’

लेकिन दूसरे नागरिक कालू वसावा ने कहा, ‘ऐसा माना जाता है कि देवदरवनिया चौकीदार माता और हमारी रक्षा करते हैं। जो भक्त पंडोरी माता की पूजा करने के लिए आते हैं उन्हें पहले चौकीदार मंदिर जाना पड़ता है।’ पूरे साल महारष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश से भक्त यहां दर्शनों के लिए आते हैं।

दरअसल दिपावली और नवरात्रि के दौरान यहां भीड़ बढ़ जाती है। चौकीदार मंदिर की मान्यता भी बराबर है।’ दिलचस्प बात यह है कि गुजरात में जहां शराब की बिक्री पर रोक है वहीं देवदारवनिया चौकीदार के भक्त उन्हें देसी शराब प्रसाद के तौर पर चढ़ाते हैं।

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