जानिए क्या है ‘सेंट्रल विस्टा’ जिसे लेकर विपक्ष खड़ा कर रहा बवाल, क्यों उठ रही इस परियोजना पर रोक लगाने की मांग?

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट माना जा रहा है उसे लेकर इन दिनों विपक्ष काफी हंगामा खड़ा करता हुआ दिखाई दे रहा है। दरअसल सेंट्रल विस्टा देश के प्रधानमंत्री का नया आवास होगा जिसका काम दिसंबर 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। महामारी के बीच इस प्रोजेक्ट को पर्यावरण संबंधी सारी मंजूरी दे दी गई हैं, जबकि अन्य तमाम तरह की गतिविधियों पर अंकुश लगा हुआ है। केंद्र ने सेंट्रल विस्टाप्रोजेक्ट को आवश्यक सेवाओं के तहत रखा है, ताकि लॉकडाउन जैसी पाबंदियों के दौरान भी इसका काम न रुके। केंद्र सरकार की हरी झंडी के बाद प्रोजेक्ट का काम नई रफ्तार पकड़ रहा है।

इसी बीच विपक्षी दल सरकार से कड़े सवाल करने में लगा हुआ है। विपक्षी दलों के अनुसार एक और जहां देश कोरोना महामारी से छटपटा रहा है वहीं दूसरी ओर इस प्रोजेस्कट पर लाखों-करोड़ों रुपये लगाए जा रहे हैं। विपक्षी दलों का मानना है कि देश को अभी इन पैसे की बेहद जरूरत है जिसे सरकार पीएम मोदी के लिए आलीशान महल बनाने में खर्च कर रही है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने 10 दिसंबर को नए संसद भवन का भूमि पूजन किया था। प्रोजेक्ट के तहत जिन इमारतों का निर्माणकार्य अगले साल दिसंबर तक पूरा होना है, उनमें प्रधानमंत्री आवास भी शामिल है।

कोविड महामारी के चलते इस तरह का प्रोजेक्ट सरकार के सामने कई सवाल खड़े कर रहा है। विपक्षी दलों के नेताओं के साथ ही अब आम जनता भी इस प्रोजेक्ट के निर्माण पर सवाल उठा रहे हैं। आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर भी लोग इसको लेकर हो रहे खर्च पर सरकार से जवाब मांग रहे हैं। इसी के साथ ट्वीटर जैसे प्लेटफार्म पर इसके सरकार के खिलाफ कैंपेनिंग चलाई जा रही है। लोगों का कहना है कि जब अस्पतालों, ऑक्सीजन और दवाओं को लेकर सरकार संकट झेल रही हैं, तो उस वक्त ऑक्सीजन, बेड और अन्य जरूरी संसाधन जुटाने की बजाय सरकार प्रोजेक्ट पर पानी की तरह पैसे बहा रही है।

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