जानिए क्या नरेंद्र मोदी की ओर से मुलायम-अखिलेश को मिला तोहफा…

एग्जिट पोल मोदी की वापसी बता रहे हैं. पर सियासत तेज है. इन सबके बीच सीबीआई ने मुलायम और अखिलेश को क्लीन चिट दे दी है. आय से अधिक संपत्ति के केस में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि मुलायम- अखिलेश के खिलाफ रेगुलर केस दर्ज करने के लिए उसके पास कोई सबूत नहीं है.

मुलायम

 

 

सीबीआई की ओर से पिता-पुत्र को क्लीन चिट मिलने में भी लोग सियासत देख रहे हैं. सोशल मीडिया पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं. आखिर चुनाव खत्म होते ही सीबीआई की ओर से क्लीन चिट कैसे मिल गई? एक सवाल ये भी कि क्या इस क्लीन चिट के पीछे सरकार है?

 

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देखा जाये तो सुप्रीम कोर्ट में 21 मई के दिन मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति केस की सुनवाई हुई. इस केस में मुलायम सिंह के दूसरे बेटे प्रतीक यादव भी आरोपी थे. इस दौरान सीबीआई के वकील ने एक हलफनामा दायर किया. इसमें कहा गया कि पिता और पुत्र के खिलाफ रेगुलर केस (आरसी) दर्ज करने के लिए उसे कोई सबूत नहीं मिला है.

सुप्रीम कोर्ट में इस केस की पिछली सुनवाई 25 मार्च को हुई थी. तब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया था. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट (यानी जांच की मौजूदा स्थिति) दाखिल करने को कहा था. इसके लिए सीबीआई को दो हफ्ते का वक्त दिया गया था.

सुप्रीम कोर्ट की बेंच कांग्रेस नेता विश्वनाथ चतुर्वेदी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. विश्वनाथ चतुर्वेदी ने कोर्ट से गुजारिश की थी कि वो सीबीआई से पूछे कि इस केस में जांच की स्थिति क्या है. इसके बाद ही सीबीआई ने ये हलफनामा दाखिल किया है.

क्या केस था मुलायम- अखिलेश पर –

# सुप्रीम कोर्ट ने 1 मार्च, 2007 को सीबीआई को मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की याचिका की जांच के आदेश दिए थे.

# कांग्रेस नेता और एडवोकेट विश्वनाथ चतुर्वेदी ने 2005 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि मुलायम और उनके बेटों अखिलेश- प्रतीक और अखिलेश की पत्नी डिंपल के पास आय से ज्यादा संपत्ति है. इसकी जांच हो.

# इनके खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत मुकदमा चलाया जाए. इन लोगों ने अपने पदों का दुरुपयोग करके आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति अर्जित की है.

# इस याचिका पर सु्प्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश दिए. इसके विरोध में मुलायम सिंह और उनके बेटों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई.

# साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी. और सीबीआई को निर्देश दिए कि जांच जारी रखी जाए.

# इसी मामले में विश्वनाथ चतुर्वेदी ने फिर से याचिका दाखिल करके केस की जांच की मौजूदा स्थिति जाननी चाही थी.

# अब सीबीआई ने कहा है कि मुलायम सिंह वगैरह पर रेगुलर एफआईआर दर्ज करने के लिए उसके पास कोई सबूत नहीं है.

 

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