जानिए कहानी उस महिला की जो 1985 में आई पाकिस्तान से भारत, उसे लगे अपने ख्वाब पूरा होने में 34 साल…

नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में कड़वाहट का गवाह समूचा विश्व हैं। जहां पिछले कई दशकों में हमने दोनों देशों के बीच रिश्तों के कई रूप देखे हैं। लेकिन कहते हैं कि ख्वाबों को उम्र देने से जिंदगी खूबसूरत हो जाती है।

 

महिला

 

आज हम जिस सच्ची कहानी से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं उसके तार दोनों देशों से जुड़े हैं जिससे ये पता चलता है कि रिश्तों के बंधन में सरहदों की बंदिशें अपना प्रभाव नहीं छोड़ पातीं। इसका सबूत है ये कहानी, जिसकी शुरुआत होती है सन 1985 से वहीं कहानी एक पाकिस्तानी महिला की जो 34 साल पहले पाकिस्तान से भारत आई थी।

 

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बता दें की यूपी के उन्नाव जिले में आवास विकास कॉलोनी निवासी मो. आमिर ने अमर उजाला से बातचीत करते हुए बताया कि उनके फूफा मोहल्ला कंजी निवासी स्व. मो. अली के कई रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं।

फूफा ने 1983 में पाकिस्तान के कराची शहर निवासी अपने रिश्तेदार की बेटी महफूजा से उसके रिश्ते की बात चलाई थी। रिश्ता तय होने के बाद वह पाकिस्तान चले गए थे।

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