जानिए कश्मीर में आतंकियों का मस्जिद और मोबाइल कनेक्शन

कश्मीरकश्मीर। जम्मू-कश्मीर में मुस्लिम युवकों को कट्टर बनाने के लिए आतंकी संगठन कई तरह के पैंतरे अपना रहे हैं। अब एक ऐसी खबर सामने आ रही है जो आपके होश उड़ा देगी। खबरों के मुताबिक कश्मीर के अमन पसंद मुस्लिमों को कट्टरपंथी बनाने के लिए मस्जिद और मोबाइल का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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मस्जिद में पढ़ाया जा रहा कट्टरवाद

  • पिछले महीने दक्षिण कश्मीर की एक मस्जिद में मुफ्ती शब्बीर अहमद कासमी ने अपनी तकरीर में हिज्बुल कमांडर जाकिर मूसा के इस्लामिक जिहाद के आह्वान का खुलकर समर्थन किया।
  • ऐसा पहली बार हुआ कि किसी धर्मगुरु ने धार्मिक स्थान का इस्तेमाल करते हुए लोगों को कश्मीर के मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी का समर्थन करने के लिए प्रेरित किया।
  • उस आतंकवादी का समर्थन, जिसने हाल ही में अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठन के साथ जुड़ने की बात कही थी।

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वीडियो वायरल आतंकी का समर्थन

  • देखते ही देखते मुफ्ती की तकरीर का यह विडियो घाटी में वायरल हो गया। सोशल मीडिया से लेकर वॉट्सऐप और अन्य ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर इसे खूब शेयर किया गया।
  • कश्मीर की मस्जिदों को हमेशा से धार्मिक-राजनीतिक मकसदों के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है।
  • घाटी में आतंकवाद शुरू होने के साथ ही 1989 के बाद से ही मस्जिदों का इस्तेमाल अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए होना शुरू हो गया था, लेकिन पिछले एक दशक में मस्जिद का चरित्र नाटकीय रूप से बदला है।

 

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