नई दिल्ली : अभिनेता कमल हासन ने एक बार फिर विवादित बयान दे दिया है । हासन ने इस बार नाथूराम गोडसे को आजाद भारत का पहला आतंकवादी बताकर विवाद खड़ा कर दिया है ।
वहीं मक्कल निधि मय्यम पार्टी का गठन कर सिनेमा की दुनिया से राजनीति में आए हासन ने तमिलनाडु के अरवाकुरिची विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान कहा, मैं ये इसलिए नहीं कह रहा कि यहां काफी संख्या में मुसलमान हैं।
जहां मैं ये महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने कह रहा हूं। आजाद भारत में पहला आतंकवादी एक हिंदू था। उसका नाम था- नाथूराम गोडसे । यह पहली बार नहीं है जब कमल हासन अपने बयान को लेकर विवादों में घिरे हैं ।
देखा जाये तो फरवरी 2019 में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए केंद्रीय सुरक्षा बल के काफिले पर फिदायीन हमले में 40 जवानों की शहीदत पर अभिनेता कमल हासन के बयान पर विवाद खड़ा हो गया था। लेकिन उन्होंने अपने बयान में कश्मीर पर जनमत संग्रह कराने की मांग की थी । उन्होंने कहा था कि आखिर देश के जवान कबतक इस तरह से शहीद होते रहेंगे ।
वहीं भारत कश्मीर में जनमत संग्रह क्यों नहीं करा रहा है । सरकार किससे डरती है?हमारे जवान क्यों मरे? अगर दोनों देशों के नेता ठीक से व्यवहार करें तो किसी जवान के मरने की जरूरत नहीं पड़ेगी । लाइन ऑफ कंट्रोल भी अंडर कंट्रोल रहेगा।
जहां इससे पहले नवंबर 2017 में भी कमल हासन विवाद में आए थे, जब उन्होंने ‘हिंदू उग्रवाद’ पर तंज कसा था। तब भाजपा और दूसरे हिंदू संगठनों ने उनकी कड़ी आलोचना की थी। कमल ने एक तमिल पत्रिका में लिखा था कि पहले दक्षिणपंथी हिंदू हिसा में शामिल हुए बिना बहस किया करते थे। जैसे ही उनकी ये ‘चालबाजी’ विफल हो गई उन्होंने हिंसा का सहारा लेना शुरू कर दिया।
हासन ने इस बयान पर हुए विवाद के बाद किसानों के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर हम उन पर सवाल उठाते हैं तो वे हमें राष्ट्र-विरोधी करार देते हैं और जेल भेजना चाहते हैं। अब चूंकि जेलों में तो कोई जगह खाली नहीं है, इसलिए वे हमें गोली मारकर खत्म करना चाहते हैं।
दरअसल कमल हासन ने केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले का पहले सपोर्ट किया था । हालांकि बाद में जब आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा तो हासन ने इसके लिए माफी मांगी। उन्होंने कहा कि ‘मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को उन्होंने जल्दबाजी में सपोर्ट किया। इसके लिए माफी मांगता हूं। यह फैसला भले अच्छा था लेकिन इसे सही तरीके से लागू नहीं किया जा सका। अगर पीएम इस मामले में माफी मांगने के लिए तैयार हैं तो मैं उन्हें सलाम करने के लिए तैयार हूं।
कमल हासन की तमिल फिल्म मेरसल में जीएसटी के मुद्दे को दिखाते हुए उसकी आलोचना की गई थी। ऐसे में फिल्म को लेकर विवाद गहराया । तब कमल हासन ने पूरे विवाद पर कहा कि ‘अभिव्यक्ति की आजादी सभी को है। ये देश तभी आगे बढ़ेगा जब लोगों को बोलने के लिए कहा जाएगा।’ अपने इस बयान के बाद उन्हें फिर से आड़े हाथों लिया गया।
लेकिन कमल हासन के धार्मिक ग्रंथ महाभारत पर बयान को लेकर भी विवाद हो चुका है । हासन ने कहा था कि देश में ऐसा ग्रंथ पढ़ा जाता है जिसमें एक महिला को दांव पर लगा दिया गया था। कमल हासन के बयान के बाद उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मामला तक दर्ज किया गया था।