जानिए अमेरिका और ईरान के बीच कहीं सचमुच शुरू ना हो जाए जंग…

साल भर पहते तक अमेरिका और उत्तर कोरिया दुनिया भर को जंग का डर दिखा कर डराते रहे. कई बार तो तब ऐसा लगा था मानो सच में परमाणु युद्ध शुरू हो जाएगा.  लेकिन  फिर ट्रंप और किम जोन उन दोनों शांत हो गए. किम जोन उन तो अब भी शांत है.

 

ईरान

 

बतादें की अमेरिका एक बार फिर अशांत हो उठा है. पर इस बार उसके निशाने पर उत्तर कोरिया नहीं बल्कि ईरान है. अमेरिकी ड्रोन को मार गिराने के ईरान के कदम के बाद से अमेरिका लगातार ईरान पर चढ़ाई करने का मौका ढूंढ रहा है. दूसरी तरफ ईरान के तेवर भी सख्त हैं. लिहाज़ा खतरा इस बात का है कि कहीं सचमुच जंग शुरू ना हो जाए.

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खबरों के मुताबिक 13 करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी करीब 696 करोड़ रुपये की कीमत वाले मानवरहित ग्लोबल हॉक MQ-4C ट्रटॉन निगरानी ड्रोन ईरानी हवाई क्षेत्र में घुसकर जासूसी की कोशिश कर रहा था. और तभी बिना वक्त गंवाए ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड ने रेडार गाइडेड मिसाइल से उसे मार गिराया.

अपने सबसे मॉडर्न और शक्तिशाली ड्रोन के मार गिराए जाने से अमेरिका तिलमिला उठा. लेकिन इससे पहले कि अमेरिका ईरान के खिलाफ कोई धमकी देता. ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड की तरफ से एक बयान जारी हुआ. उनकी तरफ से कहा गया कि “अमेरिका हमें हलके में ना ले हम अपनी सीमाओं की हिफ़ाज़त करना जानते हैं.”

दरअसल अमेरिका को इस बात का इल्म तो है कि मौजूदा वक्त में इस तेवर से उसके खिलाफ बात करने की हिम्मत रूस और चीन के बाद ईरान में है तो, मगर वो उसके इस एडवांस ड्रोन को भी मार गिराएगा जिसे बिना रेडार गाइडेड मिसाइल के नहीं गिराया जा सकता.

जहां उम्मीद उसे नहीं थी. लेकिन अमेरिका ने ईरान को जवाब देने के लिए युद्ध की पहली नीति अपनाई और कहा कि उसका ड्रोन अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में था ना कि ईरानी हवाई क्षेत्र में. मगर ईरान ने बिना देर किए उसकी इस नीति को एक वीडियो जारी कर फेल कर दिया. जिसमें ईरानी राडार में अमेरिकी ड्रोन उसकी हवाई सीमा में प्रवेश करता हुआ साफ दिख रहा है.

अमेरिकी ड्रोन MQ-4C ट्रटॉन के गिराए जाने के कई घंटे बाद राष्ट्रपति ट्रंप के ट्रिवटर अकाउंट से एक ट्वीट किया गया. ”ईरान ने एक बहुत बड़ी गलती कर दी है.” ट्रंप की इस चेतावनी और सख्त लहजे से दुनिया समझ गई कि अब अमेरिका ईरान के खिलाफ कोई बड़ा ऐक्शन लेने जा रहा है.

जंग की शुरूआत किसी भी वक्त हो सकती है. मगर जंग को टालने की कोशिश करने के बजाए. ईरान की तरफ से ट्रंप के ट्वीट का जवाब कुछ इस तरह आया. आइये हम जंग के लिए तैयार हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के इस ट्वीट के बाद ईरान पर हमले की तैयारियों शुरू हो गईं. अमेरिकी राष्ट्रपति के दफ्तर से हमले के आदेश भी दे दिए गए.

देखा जाये तो अमेरिका ने अपने विमानों को ईरान और ओमान की खाड़ी से होकर गुजरने पर रोक लगा दी. और अपने युद्धपोत, लड़ाकू विमान और जंगी जहाज़ ईरान पर हमले के लिए ओमान की खाड़ी में तैनात कर दिए. वहीं किसी भी वक्त हमला शुरू हो सकता था. मगर तभी वॉशिंगटन से संदेश आया. हमले की योजना रद्द कर दी गई है. क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप को उनके सलाहकारों ने समझाया कि ईरान पर इस वक्त ये हमला घातक हो सकता है. क्योंकि 2015 में ईरान के जिस परमाणु समझौते के उल्लंघन को आधार बनाकर अमेरिका उसे कटघरे में खड़ा करने और उस पर हमला करने की कोशिश कर रहा था.

वहीं इस समझौते में शामिल चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, यूरोपियन यूनियन और ब्रिटेन खुद अमेरिका के पाले में नहीं थे. क्योंकि इन देशों का मानना है कि ईरान ने समझौते की हर शर्त का पालन किया है.

 

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