मिथेनॉल की वजह से ही लोगों ने गंवाई आंखें और अपनी जान, विसरा रिपोर्ट में हुआ खुलासा

जहरीली कच्ची शराब में मिथेनॉल के मिश्रण होने की पुष्टि हुई है। इससे साफ है कि मिथेनॉल से ही लोगों की मौत हुई है। पांच मृतकों की विसरा रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस अधिकारियों ने जहरीली शराब में मिथेनॉल की मिलावट होने की पुष्टि की है।

जहरीली-शराब-कांड

हालांकि अभी तक अन्य मृतकों की विसरा रिपोर्ट नहीं आई है। पुलिस अधिकारी अब यही मानकर चल रहे हैं कि अन्य विसरा रिपोर्ट में भी मेथनॉल की ही पुष्टि होगी।
झबरेड़ा के भलस्वागाज, बिंडुखड़क, बाल्लुपुर समेत कई गांवों में आठ फरवरी को जहरीली कच्ची शराब ने जमकर कहर बरपाया था। इतना ही नहीं सहारनपुर के कई गांवों में जहरीली कच्ची शराब ने कई की जान ले ली थी।

हरिद्वार और सहारनपुर जिले में जहरीली कच्ची शराब से मौत का आंकड़ा सौ के पार पहुंच गया था। सहारनपुर और हरिद्वार पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए इस मामले में अब तक 14 लोगों की गिरफ्तारी की है। इस पूरे प्रकरण में सहारनपुर और हरिद्वार पुलिस ने मृतकों का विसरा लैब को भेजा था।

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कच्ची शराब बनाने के लिए मेथनॉल का प्रयोग क्षमता से अधिक
पुलिस ने उस कंपनी मालिक व मैनेज समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने भगवानपुर निवासी डाडली निवासी अर्जुन को केमिकल ड्रम उपलब्ध कराए थे। इसी ड्रम से अर्जुन ने जहरीली कच्ची शराब बनाई थी और बाल्लुपुुर निवासी सोनू को शराब बेची थी।

सोनू ने यह शराब सहारनपुर के पुंडेन निवासी हरदेवा को बेची थी। एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूड़ी ने बताया कि अभी तक पांच मृतकों की विसरा रिपोर्ट आई है। इन रिपोर्ट में मेथनॉल की पुष्टि हुई है।

स्पष्ट है कि कच्ची शराब बनाने के लिए मेथनॉल का प्रयोग क्षमता से अधिक किया गया था। उन्होंने बताया कि अभी अन्यों की रिपोर्ट आनी बाकी है। उधर, सूत्रों की मानें तो अंदाजा लगाया जा रहा है कि अन्य विसरा रिपोर्ट में भी मिथेनॉल होने की बात सामने निकलकर आ रही है।

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… तो मिथेनॉल के चलते ही लोगों ने गंवाई आंखों की रोशनी
जहरील शराब कांड 42 लोगों की जान ले चुका है। वहीं दो लोग ऐसे भी हैं जो बच तो गए हैं, लेकिन आंखों की रोशनी चली जाने के कारण जिंदगी भर के लिए अंधेरे में जीने को विवश हो गए हैं। जानकारों की मानें तो मिथेनॉल का सीधा असर दिल और आंखों की रोशनी पर पड़ता है। जितने लोगों की जाने गई हैं, उनमें से अधिकतर ने तबीयत बिगड़ने के बाद परिजनों से आंखों से नहीं दिखने की शिकायत की थी। विसरा रिपोर्ट आने के बाद यह साबित हो गया है कि शराब में मिथेनॉल की मात्रा ने ही लोगों की जान ली।

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