लापता ‘जय’ को ढूंढने में लगे सैकड़ो लाेग

जय

नागपुर। साल 2013 में उम्रेद कारहंदला वन्‍यजीव अभयारण्‍य में नगजीरा नावेगांव टाइगर रिजर्व से ‘जय’ नामक बाघ को लाया गया था। ‘जय’ के अचानक गायब हो जानें से अभयारण्‍य प्रशासन के हाथ- पांव फूल गये हैं।  ‘जय’ अचानक लापता हो गया है। उसकी तलाश में कई टीमें जुटी हुई हैं। इन टीमों में 100 से ज्यादा लोग शामिल हैं।

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साल 2013 में जब जय वन्यजीव अभयारण्य पहुंचा था तो ये बहुत बड़ी खबर बनी थी। तीन साल बाद ढ़ाई सौ किलो वजन के इस टाइगर ने अच्छी-खासी लोकप्रियता हासिल की। लोग इसकी एक झलक के लिए अभयारण्य में आते थे। लेकिन 6 साल का ये बाघ 18 अप्रैल से लापता हो गया है।

इस मामले में अब सामान्य लोगों के साथ-साथ गैर सरकारी संगठनों से वन्य जीवन के प्रति उत्साही लोग, फोटोग्राफर और गाइड्स सभी अपनी-अपनी टीम बनाकर खास सर्च अपरेशन में लगे हैं। इनका उद्देश्य है कि इस बड़े टाइगर की तलाश की जा सके।

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करीब 100 से ज्यादा वालंटियर्स जंगलों की खाक छान रहे हैं। उन्होंने अभयारण्य के आस-पास के करीब 350 गांवों में टाइगर की खोज की।वर्धा जिले के बोर से लेकर ब्रह्मपुरी के चंद्रपुर तक, इसके साथ-साथ नए नगजीरा नावेगांव टाइगर रिजर्व तक इसकी तलाश की गई। नगजीरा नावेगांव टाइगर रिजर्व वही जगह है जहां से जय को साल 2013 में उम्रेद लाया गया था

नागपुर जिले के वन्यजीव वार्डन ने बताया कि हमने सभी प्रमुख जगहों का चुनाव कर लिया है, जहां जल्द तलाश तेज की जाएगी। हमने दो टीमें बनाई हैं इनमें कुछ वालंटियर्स और दूसरी टीम स्थानीय लोगों की है। हमारी योजना सर्च ऑपरेशन को दो दिन में शुरू कर देंगे।

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