जम्मू – कश्मीर में 4जी इंटरनेट सेवाओं की बहाली पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित
नई दिल्ली। इससे पहले मामले पर शुक्रवार को सुनवाई हुई थी। जिसमें जम्मू कश्मीर प्रशासन ने हलफनामा दायर करके सेवा बहाली का विरोध करते हुए कहा था कि जम्मू कश्मीर के भीतर सक्रिय आतंकी माड्यूल और सीमा पार बैठे उनके आका फर्जी खबरें प्रसारित करके लोगों को भड़का रहे हैं।
प्रशासन ने हलफनामे में कहा था कि आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने और भड़काऊ सामग्री, विशेष रूप से फर्जी खबरों तथा फोटो और वीडियो क्लिप के प्रसारण से लोगों को उकसाने के लिए इंटरनेट सेवा के दुरूपयोग की आशंका है जो सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा है।
Supreme Court reserves order on hearing a number of petitions seeking restoration of 4G internet service in Jammu and Kashmir. Justice Ramana, said,we are taking into consideration all the issues. Don't require any additional materials in the case. pic.twitter.com/D9LBDZfUeD
— ANI (@ANI) May 4, 2020
हलफनामें में यह भी कहा गया था कि कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि वाले मामलों की संख्या और मृत्यु के बारे में अनेक अफवाहें फैला कर अराजकता और दहशत फैलाई गई है। इसी तरह जम्मू-कश्मीर में आल पार्टी हुर्रियत के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी जैसे प्रमुख लोगों के स्वास्थ्य और मकबूल भट, अफजल गुरू की बरसी के अवसर पर जेकेएलएफ द्वारा बंद तथा गणतंत्र दिवस को काले दिन के रूप में मनाने के बारे में भी फर्जी खबरें फैलाई गई हैं।