जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य ,अफवाहों पर ध्यान न देने की गई अपील…

एक बार फिर आतंकी हमले की खबर सुनकर जम्मू – कश्मीर में शुक्रवार से लोग सरकार के दिए आदेश के बाद लोग बिना दर्शन किए घर वापस जा रहे हैं. लेकिन वहीं शनिवार को तनाव का माहौल देखने को नहीं मिला हैं. बतादें की पेट्रोल ‘पम्पो पर भी समान्य भीड़ देखने को मिली हैं. वहीं शुक्रवार की शाम को एटीएम पर दिखने वाली लंबी कतारें भी शनिवार सुबह गायब हो गई थीं. जहां इसके अलावा राशन दुकानों में रोज की तरह इक्के-दुक्के लोग दिखे, जबकि शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा को लेकर एडवाइजरी यात्री करने के बाद लोग राशन जमा करने के लिए टूट पड़े थे.

 

खबरों के मुताबिक राज्य में इंटरनेट सेवाएं भी सामान्य रूप से चल रही है. लेकिन वहीं जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने देर रात एक बयान जारी कर कहा कि प्रशासन की ओर से जारी एडवाइजरी का ताल्लुक सिर्फ अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा से है. राज्यपाल ने कहा कि लोग अफवाहों पर एकदम ध्यान न दें और शांति बनाए रखें.

 

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खबरों के मुताबिक 2 अगस्त को जम्मू -कश्मीर प्रशासन द्वारा एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद अमरनाथ दर्शन करने जा रहे यात्रियों की संख्या में भारी कमी हुई है. वहीं शुक्रवार को मात्र 704 यात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए. जहां इनमें से बालटाल की ओर से मात्र 596 यात्री अमरनाथ गुफा पहुंचे, जबकि पहलगाम की ओर से 108 श्रद्धालु बाबा के द्वार पहुंचे. इस सभी यात्रियों को हेलिकॉप्टर के जरिए गुफा तक पहुंचाया गया. आतंकी खतरे को देखते हुए अब कोई यात्री पैदल सफर नहीं कर रहा है.

लेकिन इस साल 2 अगस्त तक 3 लाख 43 हज़ार 587 यात्रियों ने किए पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन किए हैं. अमरनाथ श्राइन की वेबसाइट के मुताबिक 30 जुलाई से अमरनाथ गुफा पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या में लगातार कमी हो रही है. 30 जुलाई को 10,360 यात्री यहां पहुंचा, 31 जुलाई को 7,917 यात्रियों ने बाबा के दर्शन किए, 1 अगस्त को 3196 यात्री यहां पहुंचे, जबकि 2 अगस्त को ये आंकड़ा मात्र 704 रह गया.

दरअसल इससे पहले आतंकी खतरे के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर एक एडवाइजरी जारी की गई थी. इसमें लिखा था की आतंकी खतरे, खास तौर पर अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने के खतरे पर खुफिया विभाग के ताजा इनपुट और कश्मीर घाटी के सुरक्षा हालात को ध्यान में रखते हुए अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों के हित में ये सलाह दी जाती है कि वो तुरंत घाटी में अपने ठहराव को छोटा करें और जितना जल्द हो सके वापस लौटने की कोशिश करें.

 

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