नई जनसंख्या नीति, दो से ज्यादा बच्चे होने पर नहीं मिलेगा सरकारी नौकरी और…

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर 11 जुलाई को प्रदेश की नई जनसंख्या नीति जारी करेगी। जिसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। राज्य विधि आयोग जल्द ही इसे अंतिम रूप देने के बाद राज्य सरकार को सौंपेगा। इस नई जनसंख्या नीति के मुताबिक राज्य में अब जिनके पास दो से ज्यादा बच्चे होंगे, वे न तो सरकारी नौकरी कर पाएंगे, और न ही चुनाव लड़ पाएंगे। आपको बता दें कि आयोग ने ड्राफ्ट को सरकारी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है, साथ ही 19 जुलाई तक जनता से राय मांगी है।

राज्य विधि आयोग के प्रस्ताव के मुताबिक, एक बच्चे की नीति अपनाने वाले माता-पिता को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी। इसके अलावा दो से ज्यादा बच्चों के माता-पिता सरकारी नौकरी का आवेदन नहीं कर पाएंगे। प्रमोश का मौका भी नहीं मिल पाएगा। 77 सरकारी योजनाओं व अनुदान का लाभ भी नहीं मिलेगा। साथ ही स्थानीय निकाय चुनाव नहीं लड़ने समेत कई तरह के प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है। 

सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि गरीबी और निरक्षरता जनसंख्या विस्तार के प्रमुख कारक हैं। कुछ समुदायों में जनसंख्या के बारे में जागरूकता की कमी भी है और इसलिए हमें समुदाय केंद्रित जागरूकता प्रयासों की आवश्यकता है। वहीं, एक सरकारी प्रवक्ता के मुताबिर राज्य की कुल प्रजनन दर वर्तमान में 2.7 प्रतिशत है जबकि आदर्श रूप से यह 2.1 प्रतिशत से कम होनी चाहिए। यूपी और बिहार को छोड़कर अधिकांश राज्यों ने यह उपलब्धि हासिल की है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस), स्वास्थ्य, अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) समेत कई रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद राज्य की जनसंख्या नीति तैयार की जा रही है। इस बीच, यूपी विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल राज्य की बढ़ती आबादी को रोकने में मदद के लिए सरकार के लिए एक मसौदा कानून भी तैयार कर रहे हैं। न्यायमूर्ति मित्तल ने कहा, “अगले दो महीनों में मसौदा कानून तैयार किया जाएगा और रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जाएगी।

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