जनसंख्या नियंत्रण के लिए नहीं बनेगा देश में कोई कानून

जनसंख्या पर नियंत्रणनई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को कहा है कि उसका देश में जनसंख्या पर नियंत्रण करने वाला कोई कानून लाने की योजना नहीं है। भारत में दुनिया की आबादी का पांचवां हिस्सा रहता है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य उदय प्रताप सिंह द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा, “सरकार की जनसंख्या नियंत्रण के लिए किसी तरह का कोई कानून लाने की योजना नहीं है।”

उदय प्रताप सिंह ने पूछा था, “हम जनसंख्या नियंत्रण के लिए जागरूकता लाने वाली अनेक योजनाएं चला रहे हैं, लेकिन जब तक कानून नहीं होगा, लोग परवाह नहीं करेंगे। इसलिए मैं जानना चाहता हूं कि क्या सरकार इस संबंध में कोई कानून लाने जा रही है।”

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अनुप्रिया ने अपने लिखित जवाब में कहा है कि सरकार ने कई नई योजनाएं और जागरूकता कार्यक्रम लाकर जनसंख्या को स्थिर रखने का लक्ष्य रखा है।

अनुप्रिया ने कहा, “हम अपनी कोशिशों में एक हद तक सफल भी हुए हैं।”

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उन्होंने कहा कि जहां तक राष्ट्रीय जनसंख्या नीति-2000 का सवाल है, 2045 तक देश की आबादी को एक निश्चित स्थिरता प्रदान करना हमारा दीर्घकालिक लक्ष्य है।

भाजपा के ही एक अन्य सदस्य अनुराग ठाकुर ने भी इस संबंध में पूछे गए अपने सवाल में कहा कि क्या सरकार जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए पारितोषिक आधारित कोई प्रणाली पेश करना चाहती है।

इस सवाल के जवाब में अनुप्रिया ने कहा, “हम सही दिशा में जा रहे हैं।”

अनुप्रिया ने बताया कि सात राज्यों में जन्म दर को कम करने के लिए सरकार 146 जिलों में जागरूकता अभियान चला रही है।

उन्होंने बताया कि अत्यधिक जन्म दर वाले इन जिलों में ‘परिवार विकास मिशन’ शुरू किया गया है।

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