यहां छिपा है खजाना, चाभी का भी है पता लेकिन नहीं खोल पाए ताला
कहानियों में अक्सर खजाने की बात सुनी होगी. कुछ कहानियां तो खजाने पर ही बेस्ड होती हैं. अब तो खजाने और उनकी बातें स्टोरी से भी गायब हो गई हैं. लेकिन एक ऐसी जगह है जहां आज भी छिपा खजाना है. यह जगह कहीं और नहीं बल्कि हमारे देश में ही है.
यह जगह देवभूमि उत्तराखंड में मौजूद है. यह चंपावत में स्थित मां हिंगला देवी का मंदिर है. यह उपशक्ति पीठ है.
इस देवी मंदिर के पास खजाना छिपा हुआ है और खजाने की चाबी मंदिर में विराजमान देवी के पास है. इस मंदिर में भक्तों के साथ विदेशी पर्यटकों का भी तांता लगा रहता है.
यहां नवरात्रों में भक्तों की बहुत भीड़ रहती है. इस मंदिर में जंगली हिरनों का आना-जाना भी लगा रहता है.
भक्तों का मानना है कि माता के इस मंदिर के पास एक बड़ी शिला के पीछे खजाना छिपा हुआ है. इस शिला में दरवाजानुमा एक आकृति बनी है और लोगों का मानना है कि इस खजाने की चाबी मां हिंगला देवी के पास है.
मंदिर चंपावत से चार किमी दूर चंपावत-ललुवापानी मोटर मार्ग से दो किमी दूर पर्वत शिखर पर स्थित है. सर्दियों में यहां बर्फबारी होती है. यहां से चंपावत शहर बेहद सुंदर दिखाई देता है.