
नई दिल्ली। सत्तारूढ़ भाजपा ने हाल ही में लोकसभा चुनावों में अपने उम्मीदवारों को लेकर नई प्लानिंग बनाई थी। खबर थी कि इस बार भाजपा मौजूदा सांसदों के बजाए शीर्ष नेतृत्व नए चेहरों को मौका देने की दिशा में विचार कर रही थी।
लेकिन ताजा जानकारी यह है कि बीजेपी अपने दो वरिष्ठ चेहरों लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को इन चुनावों में दोबारा मौक़ा देने का मन बना रही है। दरअसल बेटी प्रतिभा आडवाणी को चुनाव लड़ाने की बात चल रही थी।
लेकिन परिवारवाद के मुखालिफ आडवाणी ने पार्टी के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और खुद चुनावी दंगल में हिस्सा लेने की इच्छा प्रकट की। वहीं जोशी के नाम पर भी पार्टी के आलाकमान मुहर लगा चुके हैं।
बताया जा रहा है कि इन दिग्गजों के चुनाव लड़ने पर फाइनल मुहर पार्टी के सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक में लिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक यह बैठक मार्च के पहले सप्ताह में लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद संभव है।
खबरों के मुताबिक़ टाइम्स नाऊ ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि 91 साल के हो चुके लालकृष्ण आडवाणी अपने संसदीय क्षेत्र गांधी नगर से फिलहाल संन्यास के मूड में नहीं हैं। उन्होंने बेटी प्रतिभा आडवाणी को चुनाव लड़ाने वाले प्रस्ताव को ठुकराते हुए खुद ही चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की।
बता दें आडवाणी इस वक्त सबसे उम्रदराज लोकसभा सदस्य हैं। वह गांधीनगर संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व 1991 से कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी लालकृष्ण आडवाणी के अलावा अपने दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी (84), शांता कुमार (85), कलराज मिश्र (77) और भगत सिंह कोश्यारी (77) को भी चुनाव मैदान में उतारने पर विचार कर रही है।
बता दें जोशी ने 2014 लोकसभा चुनाव कानपुर से जीता था। वह 1991 और 1993 के बीच भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे और इलाहाबाद तथा वाराणसी से सांसद भी रह चुके हैं। पिछली बार वाराणसी से नरेंद्र मोदी के चुनाव लड़ने की वजह से उन्होंने कानपुर से नामांकन दाखिल किया था और जीत हासिल की थी।
वहीं 2017 गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिली थी और बीजेपी को 182 सीटों में 99 सीट हासिल हुई। इस दौरान पार्टी का मोरबी, अमरेली और गीर सोमनाथ में खाता भी नहीं खुल पाया। लेकिन, गांधीनगर में बीजेपी ने 7 में से 5 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही।
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माना जा रहा है कि यदि आडवाणी चुनाव लड़ते हैं तो वह जनता दल के राम सुंदर दास के बाद सबसे ज्यादा उम्र में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले सांसद बन सकते हैं। राम सुंदर दास ने 88 की उम्र में बिहार के हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था।