चुनाव नजदीक, सभाओं से दूर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क

यूपी में जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसे लेकर लगातार मंथन का दौर जारी है। हालांकि यूपी में नेताओं की जो तस्वीरें आ रही हैं वह चौंकाने वाली हैं। फिलहाल आज बात राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज और मलिहाबाद अंतर्गत क्षेत्र की जहां जनसंपर्क के दौरान कुछ ऐसे दृश्य सामने आ रहे हैं।

यूपी में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामले परेशानी का सबब बने हुए है। राजधानी लखनऊ समेत पूरे सूबे में जिस तरह से कोरोना वायरस के केस बढ़ रहे हैं उससे साफ तौर पर लोग यह सोचने को विवश हैं कि बचाव के वह कौन से तरीके अपनाएं जाएं जिससे उनकी बचत हो सके। हालांकि इसी बीच आगामी चुनाव को लेकर राजनीतिक दल और राजनेता अपनी जोर आजमाइश में लगे हुए हैं। चुनावी तैयारियों और हो रही सभाओं में इन दिनों साफतौर पर सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना से बचाव को लेकर बताए गये अन्य उपाय दूर होते नजर आ रहे हैं।

इन दिनों साफतौर पर देखा जा रहा है कि कुछ दिन पहले तक जो नेता, जनप्रतिनिधि खुद जनता के बीच जाकर मास्क सैनेटाइजर का वितरण कर रहे थे वह आखिर चुनावी रणनीति को लेकर हो रही बैठकों में उसकी सलाह नहीं दे रहे हैं। तमाम ऐसी तस्वीरें निकलकर सामने आ रही हैं जिसमें न तो मास्क का इस्तेमाल किया जा रहा है न ही सोशल डिस्टेंसिंग दिख रही है।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार 11 मई को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई पांचवी बैठक में यह साफतौर पर कहा था कि हमारे सामने यह बड़ी चुनौती है कि हम इस वायरस को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचने से कैसे रोकें। उनकी यह चिंता वाजिब भी थी इसका कारण है कि भारत की 68 फीसदी से ज्यादा की आबादी गावों में ही निवास करती है। 2011 की गणना बताती है कि देश के 83.30 करोड़ से ज्यादा लोग गांव में निवास करते हैं। जबकि देश के ही 10 राज्य ऐसे हैं जहां 74 फीसदी से भी ज्यादा आबादी गांव में रहती है। इन राज्यों की बात की जाए तो इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडू, ओडिशा और आंध्र प्रदेश शामिल है। इन राज्यों में तकरीबन 87.29 करोड़ की आबादी में से 61.94 करोड़ की आबादी गावों में ही निवास करती है। बावजूद इसके इन राज्यों में ही साफतौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह चुनावी तैयारियों में लगे नेताजी जनता की जान को जोखिम में डाल रहे हैं।

LIVE TV