चुनाव के 48 घंटे पहले डिजिटल और प्रिंट मीडिया विज्ञापनों पर लगे प्रतिबंध

चुनाव आयोग ने सरकार से मतदान से 48 घंटे पहले डिजिटल और प्रिंट मीडिया में चुनावी और राजनीतिक विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने की अनुशंसा की है। इसके लिए आयोग ने कानून मंत्रालय से जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126 में संशोधन की मांग की है। आयोग ने यह कदम निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उठाया है।

डिजिटल और प्रिंट मीडिया

आयोग ने कहा कि इस बदलाव के लिए जनप्रतिनिधित्व कानून धारा 126 में शंसोधन करना होगा। बता दें कि वर्तमान में चुनाव के दौरान केवल राजनीतिक विज्ञापनों को प्रसारित करने से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रतिबंध लगता है।

चुनाव आयोग चाहता है कि डिजिटल और प्रिंट मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध को लागू किया जाए ताकि मतदाताओं के मन को प्रभावित करने वाले किसी भी नकारात्मक और पूर्वाग्रह मीडिया को रोका जा सके।

बता दें गर्मियों में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने सभी राज्य सरकारों को अपने गृह जिलों में पदस्थापित और पिछले चार वर्षों में एक ही जिले में तीन साल बिताने वाले अधिकारियों का तबादला करने का निर्देश दिया है। सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और मुख्य चुनाव अधिकारियों को लिखे पत्र में आयोग ने कहा है कि लोकसभा चुनाव और आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम विधानसभा के चुनाव जल्द होने वाले हैं।

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ज्ञात हो कि चुनाव आयोग ने 2016 में सरकार से अपील की थी कि निर्वाचन कानून में संशोधन कर मतदान से 48 घंटे पहले प्रचार अभियान खत्म होने पर अखबारों में राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित करने पर रोक लगाई जाए। यह अपील अक्तूबर-नवंबर 2015 में बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान चुनाव आयोग के अपनी सांविधानिक शक्तियों का उपयोग कर कुछ विज्ञापनों पर रोक लगाने के बाद की गई थी।

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