चुनाव के बाद जनता मायूस, 13 कंपनियों के बंद होने से छाएगी बेरोजगारी

कोलकाता| राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की पीठ ने शारदा समूह की 13 निष्क्रिय कंपनियों को बंद करने का आदेश दिया और लिक्विडेटर अधिकारियों को इन सभी कंपनियों की संपत्तियों को कब्जे में लेने का निर्देश दिया। समूह की ये कंपनियां हैं -ग्लोबल ऑटोमोबाइल लिमिटेड, शारदा टूर एंड ट्रैवल्स, शारदा शॉपिंग मॉल, शारदा एग्रो डेवलपमेंट, बंगाल मीडिया, शारदा हाउसिंग, रोस कैपिटल लिमिटेड, शारदा कंस्ट्रक्शन, शारदा एजुकेशनल एंटरप्राइजेज, शारदा गार्डन रिजॉर्ट एवं होटल, शारदा लैंडमार्क सीमेंट, शारदा एक्सपोर्ट्स और भसंक फूड्स।

2013 में पतन से पहले समूह ने पॉन्जी योजना के माध्यम से 17 लाख से ज्यादा जमाकर्ताओं से पैसे जुटाए थे।

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) को केंद्र की ओर से इन कंपनियों के खिलाफ बंद की कार्रवाई वाली याचिका दाखिल करने को अधिकृत किया था।

इसके बाद, एसएफआईओ ने कार्रवाई शुरू करने के लिए समूह की कंपनियों के खिलाफ अधिकरण के समक्ष बंद की कार्रवाई वाली याचिका दाखिल की थी। यह याचिका कंपनियों द्वारा धोखाधड़ी के मामलों के आधार पर दाखिल की गई थी।

कंपनियों का गठन धोखाधड़ी और गैरकानूनी मकसद के लिए किया गया था और इन कंपनियों के निदेशक कदाचार के लिए दोषी हैं।

न्यायमूर्ति मदन बी. गोसावी ने अपने आदेश में कहा, “मैंने कंपनियों के मामलों की जांच के बाद एसएफआईओ द्वारा दाखिल रिपोर्ट को बारीकी से पढ़ा है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सभी कंपनियों के मामलों में धोखाधड़ी की गई है।

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उन्होंने कहा, “मेरे लिए विश्वास करने का हरेक कारण है कि ये कंपनियां धोखाधड़ी और गैरकानूनी मकसद के लिए बनाई गई थीं। इन सभी कंपनियों के निदेशकों/प्रमोटरों को कंपनियों के मामले से संबंधित धोखाधड़ी, अपकरण और कदाचार के आरोपों का दोषी माना गया है।”

न्यायमूर्ति ने कहा, “इसलिए, मैं आदेश देता हूं कि इन सभी कंपनियों को इस अधिकरण द्वारा बंद किए जाने की जरूरत है।”

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