नेपाल सीमा से सटे जिलों में चीनी भाषा का प्रभाव कम करने के लिए सरकार ने उठाया यह कदम, अब हर व्यक्ति को होगी जांच
नेपाल सीमा से सटे उत्तराखंड के जिलों में चीनी भाषा का प्रभाव बढ़ने और नेपाली माओवाद को चीन का नैतिक समर्थन प्राप्त होने की आशंका को लेकर शासन सतर्क हो गया है।
इस संबंध में नेपाल सीमा से जुड़े जिलों की स्थिति जानने के लिए शासन की ओर से सभी जिलों के एसएसपी को पत्र भेजकर चीनी भाषा का प्रभाव बढ़ने की वास्तविक स्थिति पता करने के निर्देश दिए हैं।
कुमाऊं परिक्षेत्र में ऊधमसिंहनगर, पिथौरागढ़ और चंपावत जिले नेपाल की सीमा से सटे हैं। नेपाल का वर्तमान माओवादी नेतृत्व ब्रिटिश भारत एवं नेपाल के बीच चार मार्च 1816 में हुई सुगौली संधि को नहीं मानता है।
इसके चलते हिमाचल प्रदेश से लेकर उत्तराखंड एवं दार्जिलिंग के कुछ क्षेत्रों को नेपाली माओवाद ग्रेटर नेपाल के रूप में परिभाषित करता रहा है। चीन भी इस संबंध में नेपाल को अपना नैतिक समर्थन दे रहा है। इसके चलते शासन ने नेपाल सीमाओं पर चीनी भाषा का प्रभाव बढ़ने और नेपाली माओवाद के सक्रिय होने की आशंका जताई है।
इसी संबंध में अपर सचिव उत्तराखंड सरकार की ओर से नेपाल सीमा से सटे सभी जिलों के एसएसपी को पत्र भेजकर सीमावर्ती क्षेत्र में चीनी भाषा का प्रभाव एवं चीन का भारत की अपेक्षा नेपाल के साथ व्यापार में अधिक रुचि लेने संबंधी वास्तविक स्थिति जांचने के निर्देश दिए हैं। हालांकि ऊधमसिंहनगर जिला पुलिस का मानना है कि नेपाल से सटे क्षेत्रों में इन तथ्यों में से किसी की भी पुष्टि नहीं हुई है।
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जिला पुलिस को भी शासन की ओर से पत्र भेजकर कुछ बिंदुओं पर जानकारियां मांगी गई थी। इसका जवाब बनाकर पुलिस मुख्यालय देहरादून को भेजा गया है। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में नजर भी रखी जा रही है।
क्या है सुगौली संधि …
रुद्रपुर। ईस्ट इंडिया कंपनी और नेपाल के बीच 1814-16 के दौरान हुए ब्रिटिश-नेपाली युद्ध के बाद चार मार्च 1816 को सुगौली की संधि हुई। इस संधि के अनुसार नेपाल के कुछ हिस्सों को ब्रिटिश भारत में शामिल करने, काठमांडू में एक ब्रिटिश प्रतिनिधि की नियुक्ति और ब्रिटेन की सैन्य सेवा में गोरखाओं को भर्ती करने की अनुमति दी गई थी।
इसमें नेपाल ने अपने नियंत्रण वाले भूभाग का लगभग एक तिहाई हिस्सा गंवा दिया, जिसमें पूर्व में सिक्किम, पश्चिम में कुमाऊं और गढ़वाल राजशाही और दक्षिण में तराई का अधिकतर क्षेत्र शामिल था।