अगर आप को भी है इंडियन टीम की भगवा जर्सी से ऐतराज, तो जरूर जान लें ये बात
कप्तान विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय क्रिकेट टीम आज रविवार को एजबेस्टन के मैदान पर मेजबान इंग्लैंड के साथ कड़े मुकाबले के लिए उतरेगी। क्रिकेट विश्व कप के इस मैच के दौरान इंडियन क्रिकेट टीम नारंगी-नीले ड्रेस में खेलने उतरेगी। टीम के इस नए ड्रेस पर समाजवादी पार्टी नेता अबू आजमी ने विरोध जताया था।
उन्होंने इसे भारतीय क्रिकेट टीम और खेल का ‘भगवाकरण’ करार दिया था। आजमी के इस बयान का खेल प्रेमियों के द्वारा कड़ा विरोध किया गया था। भारतीय जनता पार्टी ने इसे आजमी की ‘संकीर्ण मानसिकता’ बताते हुए कहा है कि किसी रंग को किसी धर्म-संप्रदाय से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
सब धर्मों में भगवा का महत्त्व
दरअसल, भगवा रंग किसी धर्म विशेष से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह कई धर्मों में प्रमुखता से स्थान पाता रहा है। सनातन परम्परा या हिन्दू धर्म में भगवा विशेष लोकप्रिय रहा है। कई हिन्दू देवी देवताओं, मंदिरों से लेकर इसके धार्मिक गुरुओं को भगवा या गेरुआ रंग बहुत पसंद रहा है। सिख धर्म में भी भगवा रंग बहुत लोकप्रिय रहा है। सिख धर्म में ‘निशान साहिब’ की पृष्ठभूमि भगवा ही रहती है, जबकि उस पर अंकित चिन्ह गहरे नीले रंग का रहता है। सिख धार्मिक गुरु भी अनेक बार भगवा रंग के साफे पहने हुए देखे जाते हैं।
बौद्ध धर्म में भी भगवा रंग का विशेष महत्त्व रहा है। अनेक बौद्ध धर्म गुरु भगवा या गहरे मरून रंग के वस्त्र धारण करते रहे हैं। विशेषकर बौद्ध धर्म के वज्रयान शाखा के धर्मगुरु भगवा या गहरे मरून रंग के वस्त्र पहनते रहे हैं। इसके आलावा देश की आजादी के समय लड़ाई में भी राजपूत और मराठे लड़ाके भगवा वस्त्र पहनना बहुत पसंद करते थे। इस तरह यह रंग धर्म के साथ-साथ देश पर मिटने वाले देशप्रेमियों का पसंदीदा रंग भी रहा है।
इस्लाम धर्म में भी भगवा
भारत के दूसरे सबसे बड़े धर्म इस्लाम के अनेक अनुयायी भी भगवा वस्त्र को बहुत पसंद करते रहे हैं। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में देवा शरीफ नाम की एक प्रसिद्द दरगाह है। इस दरगाह के सेवक हमेशा भगवा रंग का ही वस्त्र धारण करते हैं। प्रसिद्द अभिनेता दिलीप कुमार इसी परंपरा से संबंध रखते हैं। प्रसिद्द मुस्लिम विद्वान अमीर खुसरो हमेशा निजामुद्दीन के पास जाते थे जो उनके गुरु थे। बताया जाता है कि वे अपने गुरु को हमेशा केसरिया रंग की चादर चढ़ाया करते थे।
तटरक्षक बल के महानिदेशक बने के नटराजन, राजेंद्र सिंह हुए सेवा निवृत्त
‘रंग को सांप्रदायिक सोच से दूर रखें आजमी’
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने जर्सी के रंग पर उठे विवाद पर टिप्पणी करते हुए अमर उजाला से कहा कि भगवा को किसी धर्म विशेष से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। कांग्रेस ने जब तिरंगे के तीन रंगों में से एक रंग भगवा को स्वीकार किया था तब यह त्याग, बलिदान और देश सेवा का प्रतीक रहा था। इसे आज भी पूरे देश की एकता से जोड़कर देखा जाना चाहिए।