चिप से वसूला जायेगा अब टोलटैक्स
लखनऊ। लखनऊ शहर को मिलने जा रही आउटर रिंग रोड की चार लेन सड़क से गुजरने वालों को टोल टैक्स देना होगा मगर मुख्य सड़क के दोनों ओर गुजरने वाली चार लेन की सर्विस रोड पर चलना एकदम मुफ्त होगा।
यह जानकारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के चेयरमैन राघव चंद्रा ने शुक्रवार को एक पांच सितारा होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि चार लेन की मुख्य सड़क पर टोल वसूलने के लिए तीन तरह की व्यवस्थाएं होंगी, जिसमें फास्ट टैग (चिप), कैश पेमेंट और स्विप पेमेंट शामिल होगा। उन्होंने कहा कि टोल को पूरी तरह से हाईटेक करने की योजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्गो से गुजरने वाले वाहनों पर वाहन स्वामी फास्ट टैग (चिप) लगाने का काम तेज कर दिया गया है।
चंद्रा ने बताया कि इस चिप के माध्यम से टोल टैक्स से गुजरने वाले वाहन व चालक का ब्यौरा कैमरे व सेंसर के माध्यम से कंप्यूटर में पहुंच जाएगा, जिसके बाद वाहन चालक के खाते से टोल की धनराशि कट जाएगी। यह व्यवस्था सभी बैंकों में होगी। इसके लिए सेंट्रल क्लियरिंग हाउस भी बनाए जा रहे हैं। यह चिप हर उस टोल टैक्स पर काम करेगा, जहां टोल इस सिस्टम से लैस हो चुका होगा।
टोल टैक्स से लगभग रोज गुजरने वाले वाहन बिना रोकटोक गुजर सकेंगे। उन्होंने बताया कि 94 किमी लंबे आउटर रिंग रोड से शहर को यातायात के जाम से तो मुक्ति मिलेगी साथ में आवागमन भी सुगम हो स्मार्ट हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारी वाहन शहर के अंदर नहीं आने से दुर्घटनाएं कम होंगी और शहर वासियों को प्रदूषण से भी मुक्ति मिलेगी।
उन्होंने बताया कि टोल टैक्स पर वाहन चालक का एटीएम की तरह फास्ट टैग बनाया जाएगा। इसका अलग अकाउंट होगा। यह कार्ड एक बार बनाने के बाद हर टोल पर कार्य करेगा। चालक को बस इस अकाउंट में कुछ धनराशि रखनी अनिवार्य है, जिससे टोल से गुजरने के बाद धनराशि इस खाते से काटी जा सके। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य अगले दो वर्षो में पूरी तरह से इस योजना को शुरू कर देने का है। इसके लिए एक लेन अलग से सभी टोलों पर बनाई जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि लखनऊ आउटर रिंग रोड का निर्माण हाईब्रिड एन्नयुटी मोड पर किया जा रहा है। इस तरह के देश भर में 25 प्रोजेक्ट चल रहे हैं। पीपीपी मॉडल पर 40 प्रतिशत धनराशि सरकार वहन करती है और पांच किश्तों में सड़क बनाने वाली कंपनी को दे दी जाती है। 60 प्रतिशत लागत प्राइवेट पार्टी लगाती है और इस सड़क का टोल एनएचएआई चलाता है। इस अवसर पर उन्होंने यह जानकारी दी कि देश भर में उनके 255 और उत्तर प्रदेश में 45 हजार करोड़ रुपये के विभिन्न प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
उन्होंने बताया कि लखनऊ आउटर रिंग रोड रिंग रोड लखनऊ से सुलतानपुर, नगराम, रायबरेली, कानपुर, मोहान, हरदोई, सीतापुर, कुर्सी,देवा, फैजाबाद, और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे को जोड़ेगा।