
पेरिस। हांगकांग की एक चिप्स बनाने वाले कारखाने के लिए आयात किए जाने वाले फ्रेंच आलूओं की खेप में प्रथम विश्व युद्ध के दौर का एक ग्रेनेड मिला है। बताया जा रहा है कि यह जर्मन ग्रेनेड था। पुलिस ने बताया कि ग्रेनेड को निष्क्रिय कर दिया गया है।
काल्बी स्नैक्स फैक्ट्री में शनिवार को ग्रेनेड मिलने के बाद खलबली मच गई थी। हालांकि, अधिकारियों ने उसे सुरक्षित तरीके से निष्क्रिय कर दिया गया। अधीक्षक विल्फ्रेड वोंग हो-हॉन ने बताया कि ग्रेनेड की स्थिति ठीक नहीं थी। उसका पिन खुला निकला हुआ था, लेकिन वह फटा नहीं था।
वोंग ने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर उसे निष्क्रिय कर दिया। बताया जा रहा है कि ग्रेनेड आठ सेंटीमीटर चौड़ा था और उसका वजन करीब एक किलोग्राम था। वोंग ने कहा कि ऐसा लगता है कि हथगोला आलूओं के साथ फ्रांस की पूर्व युद्धभूमि से आलुओं के साथ वहां पहुंचा था।
हांगकांग पुलिस पुराने विस्फोटकों को लंबे समय से निष्क्रिय कर रही है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हमलावर जापानियों को खदेड़ने के लिए यहां के कई शहरों में अमेरिकी बम गिराए गए थे। पिछले साल बम निरोधक दस्ते ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौर के तीन बड़े बमों को निष्क्रिय किया गया था। जिनमें से दो बम व्यस्त वांचाई जिले में बरामद किए गए थे, जहां एक नया मेट्रो रेलवे स्टेशन बनाने का काम चल रहा था।
बताते चलें कि पहला विश्व युद्ध 1914 से 1918 यानी 52 महीनों तक लड़ा गया था। यह लड़ाई तीन महाद्वीपों यूरोप, एशिया और अफ्रीका के समुंदर, धरती व आकाश में लड़ी गई थी। करीब आधी दुनिया इस हिंसा की चपेट में आ गई थी और माना जाता है कि करीब एक करोड़ लोगों की इस दौरान मौत हुई थी, जबकि घायलों की संख्या इससे दोगुनी रही थी।
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इसके अलावा बीमारियों और कुपोषण जैसी घटनाओं से भी लाखों लोग मरे। विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद चार बड़े साम्राज्य रूस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी (हैप्सबर्ग) और उस्मानिया का पतन हो गया था। इसके बाद यूरोप की सीमाएं फिर से निर्धारित हुई और अमेरिका एक ‘महाशक्ति ‘ बन कर उभरा था।