वर्षा के जल के समान कोई जल नहीं. स्वयं की शक्ति के समान कोई शक्ति नहीं. नेत्र ज्योति के समान कोई प्रकाश नहीं. अन्न से बढ़कर कोई संपत्ति नहीं Kush TiwariFebruary 2, 2017 - 12:03 am Less than a minute