चाणक्य: दुश्मन जब शक्तिशाली हो तो ऐसे दें उसे मात
भारत सहित पूरी दुनिया में कोरोना ने अपना कहर फैला रखा है. भारत की बात करें तो बीते 24 घंटे में कोरोना के करीब 10 हजार नए केस सामने आ चुके हैं. कोरोना वायरस इस समय भारत का दुश्मन नंबर एक बना हुआ है. हर कोई इसे पराजित करने के बारे में सोच रहा है. इसे पराजित करने के लिए देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है. लॉकडाउन 5.0 को आनलॉक 1 नाम दिया गया है.
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चाणक्य के अनुसार जब दुश्मन शक्तिशाली हो और दिखाई न दे तो उससे लड़ने की रणनीति बदल लेनी चाहिए. कोरोना वायरस भी इसी तरह का दुश्मन है जो तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है. चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है जब ऐसी स्थिति आ जाए तो व्यक्ति को सर्वप्रथम स्वयं को सुरक्षित करना चाहिए. इसके अतिरिक्त इन बातों का भी ध्यान रखना चाहिए.
घूमने से बचना चाहिए
जब दुश्मन सामने से वार न करें और इधर उधर से हमला करे तो व्यक्ति को सर्तक हो जाना चाहिए. इसका सबसे अच्छा तरीका यही है कि व्यक्ति को स्वयं को ऐसे सुरक्षा घेरे में कैद कर लेना चाहिए जिससे उसके हमले की शक्ति क्षीण हो जाए. ऐसे में उस सुरक्षा घेरे को छोड़कर बाहर नहीं निकलना चाहिए. इसलिए बाहर जाने से बचें.
लोगों से दूरी बना लें
शत्रु जब छिपकर हमला कर रहा हो और उसकी दिशा और दशा का आभास लगा पाना मुश्किल हो तो दूसरे लोगों से दूरी बना लेने में ही समझदारी है. शत्रु किसी भी रूप में लोगों को पीड़ित कर सकता है. इसलिए खुद को दूसरों से छिपाते हुए शत्रु को पराजित करने की योजना पर कार्य करना चाहिए.
खानपान पर ध्यान दें
शत्रु कैसा भी यदि सेहत सही नहीं है तो उसे पराजित करना नामुमकिन हो जाता है. क्योंकि किसी भी युद्ध में शरीर का स्वस्थ्य रहना बहुत ही जरुरी होता है. क्योंकि सेहत सही रहेगी तो मस्तिष्क भी सक्रिय रहेगा. इसलिए व्यक्ति को निरंत अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करते रहने चाहिए. क्योंकि प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने से ही शत्रु को पराजित कर सकते हैं.