चाणक्य: ग्रहण की अशुभता दूर करने के लिए इन नियमों को नहीं भूलना चाहिए कभी

 इंसान के जीवन में जब बाधाएं ग्रहण के रूप में सामने आती है तो व्यक्ति निराशाओं के दलदल में फंसा हुआ महसूस करता है. बाधा रूपी ग्रहण से निकलने के लिए इंसान बहुत प्रयास करता है लेकिन उसे सफलता नहीं मिलती है. जैसे सूर्य पर ग्रहण लगाकर राहु-केतु सूर्य को पीड़ित कर देते हैं. उसी प्रकार से बाधाएं किसी भी व्यक्ति की तरक्की की रफ्तार को रोक देती हैं. इसलिए चाणक्य की इन बातों को कभी नहीं भूलना चाहिए.

मानसिक तनाव से बचें
जब भी कोई बड़ी बाधा या परेशानी जीवन में आए तो उस समय सबसे जरूरी होता है मानसिक स्थिति को बेहतर बनाए रखना. मानसिक तनाव को दूर करने के लिए प्रयास करने चाहिए. इसके लिए सकारात्मक विचारों को अपनाएं. अपनी मेहनत पर भरोसा रखें और निरंतर कार्य को करते रहें. मेहनत का फल सदैव ही मीठा होता है. इस बात को हमेशा ध्यान में रखें.

निराश न हो, संघर्ष करते रहें
जिस प्रकार प्रकार बार बार चोट पहुंचाने से पत्थर में भी सुराग हो जाता है उसी प्रकार से असफलता मिलने पर निराश न होना चाहिए बल्कि निरंतर प्रयास करते रहने चाहिए. लगातार प्रयास किए जाने से देर सबेर सफलता मिल ही जाती है. इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा पड़ा है.

सफलता पाने के लिए गंभीरता से कार्य करें
जीवन में सफलता तभी मिलती है जब किसी कार्य को पूरी ईमानदारी और निष्टा से पूर्ण किया जाए. इसलिए कोई भी कार्य करें तो गंभीरता को त्याग न करें. गंभीरता ही सफलता की नींद होती है. इसलिए सदैंव गंभीर होकर ही किसी कार्य को करना चाहिए.

सकारात्मकता और नवीनता बनाएं रखें
किसी भी कार्य में सफलता के लिए सकारात्मकता बहुत जरूरी है. बिना सकारात्मक विचारों से सफलता को प्राप्त नहीं किया जा सकता है. वहीं किसी भी कार्य में उत्साह बनाए रखने के लिए नवीनता का भी होना भी बहुत आवश्यक है. नवीन विचारों के साथ व्यक्ति के अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में आसानी होती 

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