चाणक्य के अनुसार: इन कारणों से घर में आती है लक्ष्मी

मौर्य काल के महान दार्शनिक आचार्य कौटिल्य को चाणक्य के नाम से जाना जाता है। वे तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य थे। चाणक्य नीति में उन्होंने अपने सिद्धांतों का प्रतिपादन किया है। उनके सिद्धांत वास्तविक जीवन के लिए बेहद ही प्रासंगिक हैं। इसलिए आज भी चाणक्य नीति की बातों को अहमियत दी जाती है। जीवन में धन लाभ कैसे प्राप्त करें, इस संबंध में चाणक्य नीति में आचार्य कौटिल्य ने चार महत्वपूर्ण बातें कहीं हैं। ये बातें इस प्रकार हैं –  

घर में इस कारण रुकता है पैसा
चाणक्य नीति के अनुसार, घर में धन तभी आता है जब घर का वातावरण मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए तैयार हो। अर्थात लक्ष्मी जी उस घर में आती हैं जहां शांति का वातावरण होता है। वे ऐसे घर में वास करती हैं जिस घर में परिजनों के बीच परस्पर प्रेमभाव बना रहता है। जिस घर में पति और पत्नी के बीच प्यार रहता है विवाद की स्थिति नहीं होती है वहां पर लक्ष्मी जी को रहना अधिक पसंद आता है। इससे घर में आर्थिक समृद्धि का आगमन होता है।

इस वजह से रूठ जाती है लक्ष्मी
लक्ष्मी का रूठना घर की आर्थिक स्थिति के लिए शुभ नहीं होता है। इससे घर में दरिद्रता का आगमन होता है। कहते हैं जिस व्यक्ति की भाषा कटु होती है। वह दूसरों के लिए कटु शब्दों का प्रयोग करता है तो उस व्यक्ति के घर पर लक्ष्मी कभी वास नहीं करती है। कटु भाषा का प्रयोग करने वाले व्यक्तियों को व्यापार के मामले में भी लाभ नहीं मिलता है। वहीं जिनकी वाणी सौम्य और मधुर होती है। उसके घर धन आता है। वह आर्थिक रूप से संपन्न बनता है। इसलिए चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को सभी से प्रेम से बातचीत करना चाहिए। व्यक्ति को सौम्य भाषा का प्रयोग करना चाहिए।

सहकर्मियों के साथ बनाए रखें अच्छे संबंध
आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में कहा है कि व्यक्ति को आर्थिक लाभ तभी संभव है जब वह अपने कार्यक्षेत्र में अपने सहकर्मियों का सम्मान करे। उनके साथ तालमेल बनाकर चले। जो कर्मी अपने कार्यक्षेत्र में ऐसा करता है उनके अधिकारों की रक्षा और हितों का ध्यान भी शीर्ष अधिकारीगण रखते हैं। ऐसा व्यक्ति अपने बॉस की नजरों में अच्छा कर्मी होता है। कार्यक्षेत्र में ऐसा भाव रखने वाले व्यक्ति से लक्ष्मी जी प्रसन्न रहती है और उसे आर्शीवाद प्रदान करती हैं।

दान पुण्य करने से मां लक्ष्मी होती हैं प्रसन्न
जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा करने से पुण्यफल की प्राप्ति होती है। चाणक्य नीति के अनुसार, धनवान व्यक्ति को दान-पुण्य के कार्यों को करते रहना चाहिए। इससे उनपर मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। वहीं जो धनी व्यक्ति धन दौलत होने के बावजूद समाज कल्याण के कार्यों को नहीं करता है लक्ष्मी जी उनसे शीघ्र ही रूठ जाती हैं और फिर उसे आर्थिक नुकसान उठाने पड़ते हैं। 

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