चंद्रयान -2 अपनी मंजिल की ओर , ऑर्बिटर कक्षा में आने वाले चार दिनों में उल्टे चक्कर लाएगा चंद्रयान…

भारत के दूसरा मिशन चंद्रयान – 2 चांद के पास पहुंच गया हैं। देखा जाये तो आज सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर लैंडर विक्रम अपने भीतर मौजूद चांद की दिशा में सफलतापूर्वक दिशा में चल दिया हैं।
 लेकिन ऑर्बिटर और विक्रम की सभी प्रणाली दुरुस्त हैं और ठीक ढंग से काम कर रहे हैं। देखा जाये तो चंद्रयान-2 से अलग होने के बाद करीब 20 घंटे से विक्रम लैंडर अपने ऑर्बिटर की कक्षा में ही चक्कर लगा रहा था लेकिन, अब यह ऑर्बिटर से उल्टी दिशा में जाएगा। इस प्रक्रिया को वैज्ञानिक भाषा में डिऑर्बिट कहा जाता है।
खबरों के मुताबिक सोमवार को चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से लैंडर विक्रम कामयाबी के साथ अलग हो गया था। इस अलगाव के बाद विक्रम की चांद के दक्षिणी ध्रुव के हिस्से में उतरने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
जहां ऐसा माना जा रहा है कि विक्रम चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर अब से पांचवें दिन यानी 7 सितंबर को अलसुबह से पहले करीब 1:55 बजे अपना कदम रखेगा।

दरअसल इसरो ने बताया, अलग होने के बाद विक्रम अब तक चंद्रमा की 119 किमी गुणा 127 किमी की कक्षा में चक्कर लगा रहा था। इसरो के वैज्ञानिकों ने विक्रम को मंगलवार सुबह 8:50 बजे चांद के बेहद करीब वाली कक्षा 36 गुणा 100 किमी के दायरे में दाखिल करा दिया है। जहां इसके बाद चार सितंबर को उसे चांद की सतह पर उतारने के लिए तैयार किया जाएगा। इसके बाद अगले तीन दिनों तक विक्रम चांद के सबसे निकटवर्ती इस कक्षा में चक्कर लगाता रहेगा। इसके बाद सतह पर उतरने की प्रक्रिया शुरू होगी।

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