घाटी में बदलते समीकरण पर उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान ला देगा सियासत में भूचाल

श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि राज्यपाल द्वारा विधानसभा भंग किए जाने को चुनौती देने का फैसला पीडीपी पर निर्भर है।

उमर अब्दुल्ला

मीडिया से बातचीत करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि चूंकि पीडीपी ने सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए राज्यपाल को पत्र भेजा था, नेशनल कांफ्रेंस ने नहीं इसलिए सत्यपाल मलिक के बुधवार रात के कदम को चुनौती देने का फैसला पीडीपी पर निर्भर है।

अब्दुल्ला ने कहा, “हमने राज्यपाल को कोई पत्र नहीं भेजा। राज्यपाल के फैसले को चुनौती देने का प्राथमिक निर्णय पीडीपी पर निर्भर है।”

नेशनल कांफ्रेंस ने भाजपा महासचिव राम माधव की इस टिप्पणी पर कड़ी नाराजगी जताई कि नेशनल कांफ्रेंस व पीडीपी ने शहरी स्थानीय निकाय के चुनावों का बहिष्कार पाकिस्तान के इशारे पर किया था और अब वे पाकिस्तान के निर्देश पर गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि हमें पाकिस्तान से निर्देश मिले हैं। मैं राम माधव व उनके सहयोगियों को साक्ष्य के साथ इसे साबित करने की चुनौती देता हूं।”

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उन्होंने कहा, “आप मेरे सहयोगियों की कुर्बानी का अनादर कर रहे हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के निर्देश पर चलने से इनकार कर दिया और मारे गए।”

अब्दुल्ला ने मजाकिया लहजे में कहा कि यह पहली बार है कि राज्यपाल कार्यालय में फैक्स मशीन ने काम नहीं किया और लोकतंत्र की हत्या के लिए जिम्मेदार बन गई।

उन्होंने कहा, “राज्यपाल कार्यालय की फैक्स मशीन वन वे है, इससे फैक्स सिर्फ बाहर जा रहा है, आ नहीं रहा है। यह विशेष फैक्स मशीन है और इसकी जांच होनी चाहिए।”

उमर अबदुल्ला की यह प्रतिक्रिया पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के बयान पर आई है कि उनकी पार्टी ने राजभवन को 56 विधायकों के समर्थन का फैक्स भेजा था, लेकिन वह राजभवन नहीं पहुंचा।

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