हर साल 9 इंच डूब रहा ये शहर, धरती से मिट न जाए इसका नामोनिशान!

ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ग्लेशियर्स का पिघलना चिंता का कारण बनता जा रहा है। ऐसे में इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये कहीं जगहों पर हर साल 9 इंच तक डूबता जा रहा है। एक्सपर्ट्स अगले कुछ दशक में इसके कई हिस्सों के पूरी तरह से डूब जाने की वॉर्निंग दे रहे हैं।

ग्लोबल वार्मिंग

यहां करीब 1 करोड़ लोग निजी कुओं के जरिए पानी खींच रहे हैं, जिस पर जमीन टिकी हुई है।

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हालांकि, इस जमीन को सामान्य तौर पर पानी से भरा जा सकता है, लेकिन जकार्ता में 97 फीसदी शहर कंक्रीट की जमीन से ढका है। ऐसे में यहां हर साल होने वाली 60 इंच बारिश भी जमीन के अंदर नहीं जा रही।

बारिश का सारा पानी 13 नदियों और समुद्र में बह जाता है, जिसके चलते समस्या खड़ी हो रही है। वहीं जमीन पर मौजूद हैवी कॉन्क्रीट के वजन से जमीन धंस रही है। इस परेशानी के बारे में तब लोगों को समझ में आ गया था, जब यहां 2007 में भयंकर बाढ़ आई और 50 लोगों की जान चली गई।

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हालांकि, फिर भी इस समस्या को बड़े स्तर पर नजरअंदाज कर दिया गया।

शहर को सुरक्षित और स्थिति से निपटने के लिए कई प्लान प्रपोज किए गए हैं। इनमें से 40 बिलियन डॉलर की लागत से बन रही समुद्र को घेरती दीवार भी शामिल है। हालांकि, इनके काम की रफ्तार बहुत धीमी है। जकार्ता पोस्ट के मुताबिक, सी-वॉल का कंस्ट्रक्शन अभी जारी है।

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