ग्लोबल वार्मिंग के कारण लोगों का हुआ अंतिम संस्कार, निकाली गयी अंतिम यात्रा…

प्राकर्तिक आपदा के कारण स्विट्जरलैंड में ग्लोबल वार्मिंग के कारण लोगों ने अंतिम संस्कार कर दिया हैं. वहीं इसके बाद मरने वालो ग्लेशियर यात्रा भी निकाली गयी हैं.

 

 

 

खबरों के मुताबिक इस ग्लेशियर यानी हिमनद का नाम है-पिजोल. करीब 250 स्थानीय लोग पहले दो घंटे की लंबी चढ़ाई चढ़ने के बाद 2700 मीटर ऊंचे पिजोल शिखर तक पहुंचे. उत्तर-पूर्व स्विट्जरलैंड में स्थित यह ग्लेशियर ऑस्ट्रिया की सीमा के नजदीक है.

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जहां ग्लेशियर के विशेषज्ञ मैथियस ह्यूस ने कहा कि यहां तेजी से ग्लेशियर पिघल रहा है. इसलिए हम पिजोल ग्लेशियर को अंतिम विदाई देने आए हैं. हमारे साथ काले कपड़ों में करीब 250 लोग हैं जो इसके अंतिम संस्कार और यात्रा में शामिल हुए. स्विट्जरलैंड के ग्लारूस आल्प्स के पिजोल ग्लेशियर का 80 प्रतिशत बर्फ 2006 में ही गायब हो चुकी थी. 1987 में इसका क्षेत्रफल 3.20 लाख वर्ग किमी था. यह अब सिर्फ 26 हजार वर्ग किमी ही बचा है.

दरअसल ग्लेशियर वैज्ञानिक अलेसेंड्रा डेगिआकोमी के अनुसार वैज्ञानिक नजरिए से अब पिजोल में ग्लेशियर जैसा कुछ नहीं बचा है. इसकी अंत्येष्टि के बाद इसे मृत घोषित कर दिया गया. इस ग्लेशियर पर 1983 से ही वैज्ञानिकों ने नजर बना रखी थी. मैथियस बताते हैं कि वे पिजोल शिखर पर कई बार चढ़े हैं. यह एक अच्छे दोस्त के मरने जैसा है. अब हम इसे बचा तो सकते नहीं, लेकिन वो हर चीज कर सकते हैं, जो करनी चाहिए.

देखा जाये तो भविष्य में हम अपने बच्चो को यह बता सकेंगे कि 100 साल पहले यहां ग्लेशियर था. एक अध्ययन से पता चला है कि साल 2050 तक आल्प्स पर्वत श्रृखंला के 4000 ग्लेशियरों की आधी बर्फ पिघल जाएगी. अगली सदी तक इस श्रृखंला का दो-तिहाई हिस्सा खत्म हो सकता है.

 

 

 

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