गोवा : क्षेत्रीय दल अपने पत्ते खोलने के लिए अभी तैयार नहीं

गोवा में खंडित जनादेशपणजी| गोवा में खंडित जनादेश के बाद छोटे दलों की भूमिका ‘किगमेकर’ की हो गई है। कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही इन्हें लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं, लेकिन जवाब में यह दल बहुत एहतियात बरत रहे हैं।

गोवा में खंडित जनादेश

40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में कांग्रेस 17 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई है। भाजपा के 13 विधायक हैं। 2012 की तुलना में इस बार कांग्रेस को आठ सीट अधिक मिली हैं और भाजपा को आठ सीटें कम।

भाजपा को बहुमत के लिए आठ तथा कांग्रेस को चार और विधायकों के समर्थन की जरूरत है।

ऐसे में राज्य में तीन-तीन सीटें जीतने वाली महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) एवं गोवा फारवर्ड तथा तीन ही सीट जीतने वाले निर्दलीयों की पूछ काफी बढ़ गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को एक ही सीट मिली है लेकिन मौजूदा हालात में यह भी कम मायने नहीं रखती।

एमजीपी नेता सुधीन धवलीकर ने कहा कि गठबंधन को अभी थोड़ा इंतजार करना होगा।

उन्होंने कहा, “हमें रणनीति बनानी होगी। हम किसी भी बात को कैसे हाथोंहाथ ले सकते हैं? गठबंधन की बातों में वक्त लगेगा।”

राजनीतिक सूत्रों ने कहा कि धवलीकर समेत एमजीपी का नेतृत्व कांग्रेस और भाजपा, दोनों के संपर्क में है।

रक्षा मंत्री व गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को मीडिया से कहा कि वह क्षेत्रीय दलों के संपर्क में हैं और उम्मीद है कि जल्द ही गठबंधन हो जाएगा।

सुधीन धवलीकर और उनके भाई दीपक धवलीकर, दोनों भाजपा की नेतृत्व वाली निवर्तमान सरकार में मंत्री थे। 4 फरवरी के चुनाव से दो महीने पहले इनके बगावती तेवरों के कारण मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने इन्हें मंत्रिमंडल से निकाल दिया था। इसके बाद दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा।

गोवा फारवर्ड ने चुनाव भाजपा का विरोध करते हुए लड़ा। लेकिन, गुरुवार को इसके संस्थापक और फतोर्दा के विधायक विजय सरदेसाई ने पर्रिकर की बतौर गोवा मुख्यमंत्री तारीफ कर सभी को चौंका दिया।

गोवा फारवर्ड के अध्यक्ष प्रभाकर तिम्बले ने कहा है कि गठबंधन के मामले में गोवा फारवर्ड के दरवाजे सभी के लिए खुले हुए हैं। तिम्बले ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने पहले साथ चुनाव लड़ने और फिर ऐन चुनाव से पहले गठबंधन न कर गोवा फारवर्ड की पीठ में छुरा घोंपा था।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी 2007 से 2012 के दौरान कांग्रेसनीत गठबंधन सरकार में शामिल थी। इस बार पार्टी के इकलौते विधायक चर्चिल अलेमाओ ने कहा है कि वह एक सरकार का हिस्सा बनने के इच्छुक हैं।

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि अलेमाओ कांग्रेसनीत सरकार का हिस्सा बनने के खिलाफ नहीं हैं।

निर्दलीय विधायकों में से एक रोहन खांते ने कहा कि वह कांग्रेस का साथ देंगे। चुनाव में कांग्रेस ने उनकी मदद की थी।

निर्दलीय गोविंद गावडे ने कहा है कि वह भाजपा का साथ देंगे क्योंकि पार्टी ने चुनाव में उनका साथ दिया था।

तीसरे निर्दलीय प्रसाद गाओंकर इस मामले में पूरी तरह से चुप हैं।

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