सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में हो गोरखपुर कांड की जांच : कांग्रेस
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गोरखपुर के एक अस्पताल में 60 से अधिक बच्चों की मौत के पीछे मच्छर जनित बीमारियों को कारण बताए जाने पर तीखा हमला करते हुए रविवार को कांग्रेस ने घटना को ‘हत्या’ और ‘जनसंहार’ करार दिया और पूरे मामले की सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच कराए जाने की मांग की। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि अदित्यनाथ की सरकार पूरे मामले की लीपापोती और सच्चाई को दबाने में लगी हुई है।
कांग्रेस के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “अब तक सामने आए सबूतों तथा अधिकारियों और मृत बच्चों के परिजनों के बयानों के अनुसार, राज्य की भाजपा सरकार के दावे के विपरीत अचानक इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत किसी बीमारी के चलते नहीं बल्कि लापरवाही और कुप्रबंधन के चलते हुई।”
उन्होंने आरोप लगाया है, “यह साबित हो चुका है कि यह एक हादसा नहीं बल्कि यह हत्या और जनसंहार था।”
आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए शेरगिल ने कहा, “मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रिंसिपल, ये सब बच्चों की मौत के जिम्मेदार हैं।”
कांग्रेस ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के इस्तीफे की भी मांग की।
शुरुआत में ऐसी खबरें आईं कि बच्चों की मौत अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाने के चलते हुई, लेकिन आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा है कि मौतें इनसेफलाइटिस और अन्य बीमारियों के चलते हुईं, न कि ऑक्सीजन की आपूर्ति के चलते।
शेरगिल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के हाथ खून से सने हुए हैं।
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उन्होंने कहा, “अब उन्होंने मुख्य सचिव के अधीन जांच का आदेश देकर मामले की लीपापोती शुरू कर दी है। हम मांग करते हैं कि सर्वोच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश की निगरानी में मामले की स्वतंत्र जांच करवाई जाए।”
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस संबंध में जारी आदेश पर हैरानी जताते हुए शेरगिल ने कहा, “आरोपी खुद अपने खिलाफ जांच कैसे कर सकता है?”
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उन्होंने यह भी सवाल खड़ा किया कि बाबा राघव दास अस्पताल में मरने वाले बच्चों का अंत्य परीक्षण क्यों नहीं करवाया गया।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, “सरकार बिना अंत्य परीक्षण करवाए या जांच करवाए कैसे कह सकती है कि मौतें बीमारी के चलते हुईं।”
आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए शेरगिल ने कहा, “अस्पताल के किसी अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज करवाई गई और स्वास्थ्य मंत्री को अब तक बर्खास्त क्यों नहीं किया गया?”