अहमदाबाद। कांग्रेस ने किसानों से खरीदी और गुजरात के कच्छ जिले में एक गोदाम में रखी मूंगफली में मिलावट पाये जाने के बाद शनिवार को उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश से इस मामले की जांच कराने की मांग की।
विपक्षी दल कांग्रेस ने दावा किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी गई अच्छी गुणवत्ता की मूंगफली को मिलावटी मूंगफली से बदलना एक ‘घोटाला’ है और इसके तार मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े हैं।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि मूंगफली खरीद की जिम्मेदारी नफेड की थी जो कि एक केंद्रीय एजेंसी है।
इन खबरों के बीच कि राज्य एजेंसियों द्वारा खरीदी और गांधीधाम के पास मिठी रोहर स्थित एक गोदाम में रखी मूंगफली में मिलावट है, एक स्थानीय व्यापारी संगठन ने शुक्रवार शाम को एक ‘सार्वजनिक छापेमारी’ की जिसमें मूंगफली में कंकड़ मिले।
कांग्रेस नेता परेश धानाणी ने कहा कि यह ‘‘करोड़ों रूपये का घोटाला’’ है। उन्होंने मांग कि उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के नेतृत्व वाले आयोग से जांच के साथ ही न्यायिक जांच भी की जाए। उन्होंने मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘स्थानीय सोसाइटी द्वारा किसानों से अच्छी गुणवत्ता की मूंगफली खरीदी गई और उसे कहीं और भेजकर उसके स्थान पर खराब गुणवत्ता की मूंगफली रख दी गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम फरवरी 2017 से ही उच्च न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश से जांच की मांग कर रहे हैं लेकिन हमारी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया क्योंकि घोटाले के तार सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े हुए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चोरों को सलाखों के पीछे डाले जाने तक हम आंदोलन करेंगे।’’
आरोपों से इनकार करते हुए मुख्यमंत्री रूपाणी ने कहा कि मूंगफली खरीद नफेड की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, ‘‘गांधीधाम में जो कुछ भी हुआ उसके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कर लिया गया है। विपक्ष झूठा आरोप लगा रहा है और मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है, उसे किसानों के हित की चिंता नहीं है।’’
नफेड निदेशक एवं पूर्व भाजपा मंत्री दिलीप संघाणी ने आरोपों को ‘‘आधारहीन’’ करार दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘मूंगफली की खरीद ग्रामीण सोसाइटी द्वारा की जाती है। किसानों को तत्काल धनराशि का भुगतान कर दिया जाता है। 2017 के घोटाले के पीछे जो लोग थे उन्हें जेल भेज दिया गया है।’’
2018 में नफेड द्वारा राजकोट जिले के पेढला में एक किराये के गोदाम में रखी मूंगफली के 30000 बोरों में मिट्टी और कंकड़ मिले हुए थे।