गाजियाबाद में दिल दहला देने वाली घटना, बच्चों की हत्या के बाद दंपति ने की ख़ुदकुशी

GHAZIABAD 

 गाजियाबाद इंदिरापुरम थाना एरिया के वैभव खण्ड की एक सोसाइटी में जींस कारोबारी गुलशन वासुदेव की मुश्किलें उनके साढू राकेश वर्मा और कोलकत्ता की एक फर्म ‘सिटी लाइफ’ ने बढ़ाई। बच्चों की हत्या कर पत्नी व महिला बिजनेस पार्टनर के गुलशन वासुदेव की आठवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या की खबर जैसे उनके खास दोस्त प्रवीण बख्शी को मिली तो वह मौके पर पहुंचे।

मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि कलकत्ता की एक फर्म सिटी लाइफ ने उनसे करीब 65 लाख रुपए का माल खरीदा था,लेकिन पेमेंट सिर्फ पांच लाख की थी। देनदारी लगातार बढ़ने से वह परेशान थे। प्रवीण बख्शी परिवार समेत इंदिरापुरम की एटीएस सोसाइटी में रहते हैं। उनका कहना था कि गुलशन को देर रात कोलकत्ता निकलना था,लेकिन रात को ही उन्हें पता चला कि ‘सिफी लाइफ’ उनके साथ कई अन्य लोगों का भी पैसा लेकर फरार हो गई है। इससे भी वह तनाव में आ गए थे।
आत्महत्या
उन्होंने बताया कि गुलशन पर पिछले चार साल से मुसीबत की पहाड़ टूटा है। गुलशन ने दिल्ली की झिलमिल कॉलोनी में एक प्रॉपर्टी बेची थी। उससे मिले रुपए से फर्म का घाटा पूरा किया और शेष रकम के लिए साढ़ू ने गुलशन को सपने दिखाए कि वह बिल्डर है और गुड़गांव में उसके फ्लैट बना रहा है।

फ्लैटों में रुपए इंवेस्ट करने से अच्छा फायदा होगा। गुलशन अपने साढू के झांसे में आ गया। बल्कि दो करोड़ उसने राकेश वर्मा के कहने पर लगा दिए थे। कुछ समय बाद जब रुपए की जरुरत हुई तो साढू ने रुपए लौटाने के लिए आनाकानी शुरू कर दी। गुलशन ने परेशान होकर साहिबाबाद थाने में साढू राकेश वर्मा व उसकी मां के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया था। पुलिस ने धोखाधड़ी में आरोपी राकेश वर्मा और उसकी मां को जेल भेज दिया था।

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इसके बाद रुपए मिलने की उम्मीद कम हो गई थी। दूसरी तरफ देनदारी बढ़ने से गुलशन की परेशानी बढ़ने लगी। पिछले तीन साल से वह आर्थिक तंगी में चल रहा था। गुलशन वासुदेव के बड़े भाई हरीश ने मोबाइल पर हुई बातचीत में बताया कि उसका साढू से रुपए का लेन-देन के चलते वह काफी परेशान था। उन्होंने बताया कि संजना उसकी बिजनेस पार्टनर थी। बल्कि उसके साथ ही रहती थी।

पालतू खरगोश को भी मार डाला। गुलशन वासुदेश इस कदर तनाव में था कि उसने बच्चों की हत्या के साथ पालतू खरगोश को भी मार डाला। जांच पड़ताल के दौरान खरगोश मरा हुआ पड़ा मिला। पड़ोसियों ने बताया कि उन्होंने खरगोश पाल रखा था। हालाकि, तनाव के चलते गुलशन के परिवार के लोग आसपड़ोस से ज्यादा बातचीत नहीं रखते थे। दूसरे वह डेढ़ माह पहले ही फ्लैट में रहने आए थे।

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