बेटे को इस रूप में देख मां-बाप को आई शर्म, बाद में हुआ फख्र

गलत शरीर में कैदकहते हैं कि दुनिया में इंसानों को भगवान ने बड़ी फुरसत से बनाया है। वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो ईश्वर से इस बात की नाराजगी रखते हैं कि भगवान ने उन्हें वह नहीं दिया जिसके वे हकदार थे। अपने वजूद की असलियत और भौतिक रूप-रेखा में फर्क इसका बड़ा कारण है। शायद आप समझे नहीं… हम बात कर रहे हैं ट्रांसजेंडर्स की। आज हम ऐसी ही दो शख्सियतों से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं। उन्हें बढ़ती उम्र के साथ एहसास हुआ कि उन्हें जिस शरीर से नावाजा गया है, उनकी आत्मा उसके विपरीत है। उनकी अंतरात्मा चीख-चीख कर उनसे कहती है कि वह गलत शरीर में कैद हैं।

तन्नू जब तेरह साल की थीं तब उन्हें एहसास हुआ कि उनका शरीर तो लड़के का है, लेकिन उसके अंदर कुछ-कुछ लड़की जैसा होता है।

अपने परिवार को ये सब बताना उनके लिए बहुत ही मुश्किल रहा। सोलह साल की उम्र तक उनको विश्वास हो गया था कि वो एक गलत शरीर में कैद होकर रह गई हैं। असल में वो लड़की की तरह ही हैं।

बस वहां से खुद को बदलने की तन्नू की शुरुआत हो गई। दूसरी तरफ निताशा को सिर्फ तीन साल की उम्र में पता चल गया कि अंदर से वो एक लड़की हैं।

शरीर लड़के का और आत्मा लड़की की, लेकिन इसके साथ ही शुरू हुआ एक नया चैलेंज जो तन्नू और निताशा दोनों ने महसूस किया।

बिना मां-बाप से पूछे लड़की बनने के बाद घर वालों को मनाने मे काफी परेशानी हुई। आज भी दोनों के परिवार वालों ने इनको पूरी तरह से अपनाया नहीं है।

निताशा के पिताजी को समझने में काफी समय लगा कि जो लोग इनको हंसी का पात्र समझते हैं, उनके लिए ये मॉडल तैयार है।

अगस्त महीने में भारत में मिस ट्रांस क्वीन इंडिया कॉन्टेस्ट है और इसकी तैयारियां चल रही हैं। तन्नू सिंह इस इवेंट की पोस्टर मॉडल हैं।

अगर कोई प्यार का इजहार करे तब क्या होता है? इस सवाल पर तन्नू कहती हैं कि ज़िंदगी भर कोई प्यार दे, ऐसा नहीं हुआ है।

निताशा का कहना है कि प्यार से ही हम एक-दूसरे के क़रीब आ सकते हैं। तन्नू और निताशा दोनों को हमसफर की तलाश है।

मॉडलिंग के बाद तन्नू ऐक्ट्रेस बनना चाहती हैं और निताशा भी बॉलीवुड का रुख करना चाहती हैं। वे चाहती हैं कि एलजीबीटी समुदाय को उनके अधिकार मिलें।

इतना ही नहीं वे संसार में मौजूद अपने जैसे लोगों को भी खुलकर सामने आने की नसीहत देती हैं। उनका मानना है कि असल में आत्मा ही आपके व्यक्तित्व का निर्धारण करती है, न की शरीर। इसलिए अपनी असलियत को अपनाने में कोई भी परहेज या शर्म नहीं होनी चाहिए। तभी जिंदगी खूबसूरत बन पाएगी।

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