गर्दन के दर्द से हैं परेशान तो अपनाएं ये नुस्खे

यह दर्द अकसर लम्बे समय तक रहने वाला होता है। तेज़ दर्द होने पर दर्द निवारक दवाईयां भी ली जा सकती हैं। प्रतिदिन होने वाले दर्द का कारण सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस भी एक है। प्रतिदिन होने वाली समस्याओं में से गर्दन दर्द या सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस भी एक है। आज घंटों डेस्क के काम करना हमारी मजबूरी बन गया है, ऐसे में गर्दन दर्द लगभग कामन कोल्ड जितना सामान्य होता जा रहा है। वैसे तो यह समस्या सामान्य होती है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में यह गंभीर रूप भी ले लेती है। गर्दन दर्द किसी पुरानी चोट या स्वास्‍थ्‍य संबंधी जटिलताओं के कारण भी हो सकता है। गलत ढंग से बैठने, लेटकर टीवी देखने या बिस्तर पर टेढ़े लेटने से भी हो जाती है।

गर्दन के दर्द से हैं परेशान तो अपनाएं ये नुस्खे

दर्द की वजह
पढ़ते समय, टी वी देखते समय और फोन पर बात करते वक्‍त या काम करते समय जब हम अपनी गर्दन गलत दिशा में रखते हैं तो दर्द शुरू हो जाता है। इसके अलावा जब हम किसी ऐसी तकिया का इस्तेमाल करते हैं जो बहुत ज़्यादा उंची या बहुत नीची होती है तो भी गर्दन में दर्द की समस्‍या हो जाती है। पेट के बल सोते समय अपनी गर्दन को गलत तरीके से मोड़ने से भी गर्दन में दर्द हो सकता है। तनाव भी गर्दन दर्द का कारण हो सकता है।

दर्द का समाधान
गर्दन दर्द सामान्य प्रकार का दर्द है। यह दर्द अकसर लम्बे समय तक रहने वाला होता है इसलिए आप ऐसे में घरेलू उपायों या वैकल्पिक चिकित्सा का सहारा ले सकते हैं। गर्दन दर्द की स्थिलति में प्रभावित क्षेत्र पर अधिक ज़ोर पड़ने से दर्द बढ़ जाता है इसलिए तीव्र दर्द होने पर आराम करें। प्रभावित क्षेत्र पर गर्म पानी के वाटर बैग या बर्फ के टुकड़ों से सिंकाई करना भी एक अच्छा् विकल्प है। गर्दन दर्द से बचने के लिए आप एक्यूप्रेशर, एक्यूपंचर, जल चिकित्साव, चुम्बकीय चिकित्सा, योग, मालिश, फीजि़योथेरेपी जैसी वैकल्पि क चिकित्साओं को भी अपना सकते हैं। तेज़ दर्द होने पर दर्द निवारक दवाईयां भी ली जा सकती हैं।

गर्दन दर्द के लिए योगा और व्यायाम
अगर आपको लंबे समय से गर्दन में दर्द की शिकायत है, तो व्यायाम या योगा को अपनी आदत में शामिल करें। असहनीय दर्द की स्थिति में, चिकित्सक से परामर्श लेकर उचित उपचार करें क्योंकि चिकित्सा के अभाव में यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है। गर्दन दर्द की समस्या किसी खास उम्र के लोगों को नहीं होती है। अब इस समस्या से सिर्फ 40 साल के आस-पास के लोग ही पीड़ित नहीं होते हैं, बल्कि आजकल यह परेशानी युवा वर्ग के लोगों में भी देखने को मिलती है।

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इन तरीकों को अपनाएं

  • अपनी कुर्सी पर सीधा बैठ जायें और लोवर बैक को सपोर्ट दें। पैरों को ज़मीन पर रखें और कंधों को आराम दें
  • अधिक समय तक एक ही पोज़िशन में ना बैठें। गर्दन की मांस पेशियों को आराम देने के लिए छोटे ब्रेक लेते रहें
  • कम्प्यूटर पर काम करने वाले अपना वर्क स्टेशन ठीक रखें
  • कम्प्यूटर को इस प्रकार रखें कि मानीटर का टाप आंखों की सीध में आये। ऐसे डाक्युमेंट होल्डर का इस्तेमाल करें जो आपको स्क्रीन की सीध में रखे।
  • टेलीफोन की जगह हैड या स्पीकर फोन का इस्तेमाल करें।
  • और फोन को कंधे पर रखकर बात करने की ज़हमत ना मोल लें।
  • अपनी कार की सीट को अपराइट पोज़िशन पर रखें।
  • स्टियरिंग व्हील तक पहुंचने में ज़्यादा तकलीफ ना उठाएं और अपने हाथों को आरामदायी पोज़िशन में रखें।
  • सही तकिये का इस्तेमाल करें।
  • ऐसी तकिया का इस्तेमाल करें जो ना बहुत अधिक सीधी ना ही बहुत अधिक फ्लैट हो सोते समय गर्दन टेढ़ी न रखें।
  • बेड पर पढ़ते समय पोस्चर सही रखें
  • किताब को किसी निश्चित जगह पर रख दें ,जिससे आपको किताब हाथ में पकड़कर गर्दन ना टेढ़ी करनी पड़े या
  • अपने हाथों को आराम देने के लिए वेजशेप की तकीये का इस्तेंमाल करे और गर्दन न्यूट्रल पोज़िशन में रखें।
  • गर्दन के दर्द से बचने के लिए कमर की जगह पैर के बल ज़्यादा काम करें।
  • ऐसे दर्द से बचने के लिए एक्सपर्टस अच्छे खानपान की भी सलाह देते हैं।
  • काम के समय तनाव , चिन्ता से दूर रहें और मांस पेशियों का व्यायाम करने से भी गर्दन के दर्द से छुटकारा मिल सकता है।
  • धूम्रपान करने से रक्त संचार की गति कम होने के साथ टिशु रिपेयर में भी समय लगता है।
  • कभी कभी गर्दन में किसी प्रकार के इन्फेक्शन या युमैटायड आर्थराइटिस से भी गर्दन दर्द हो सकता है। ऐसे में
  • अच्छी थेरेपी के लिए डाक्टर से सम्पर्क करें। ज़्यादातर लोगों में गर्दन दर्द गलत पोस्चर या हेक्टिक जीवन शैली को दर्शाता है इसलिए गर्दन दर्द से बचना ही इस समस्या का समाधान है।

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