खुशखबरी ! RBI ने रेपो रेट में कि कटौती , अब कम होंगी EMI कि दरें…
भारतीय रिजर्व बैंक ने चौथी बार रेट में कटौती कि हैं वहीँ अब EMI कि दरें भी घटने को तैयार हैं. बतादें कि मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों का ऐलान हो गया है. जहां आम लोगों को इससे बड़ी राहत मिलने वाली हैं.
वहीं रेपो रेट कम होने के बाद बैंकों पर होम और ऑटो लोन पर ब्याज दर कम करने का दबाव बढ़ेगा. आरबीआई की ओर से रिवर्स रेपो रेट में भी कटौती की गई है. रिवर्स रेपो रेट घटकर अब 5.15 फीसदी हो गया है. पहले यह दर 5.50 फीसदी थी. रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है.
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जहां आरबीआई के 6 सदस्यीय मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) के 2 सदस्य चेतन घटे और पामी दुआ, 0.35 फीसदी की कटौती के पक्ष में नहीं थे. वह 0.25 फीसदी कटौती चाहते थे. हालांकि अन्य 4 सदस्य रविंद्र ढोलकिया, देवब्रत पात्रा, बिभु प्रसाद और गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस कटौती का समर्थन किया है.
इस बीच, केद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के अनुमान को 7 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है. केंद्रीय बैंक की ओर से यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 8 फीसदी के जीडीपी ग्रोथ की प्रयास में जुटी है.
इसके पहले जून में भी रिजर्व बैंक ने ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी से घटाकर 7.0 फीसदी कर दिया था. रिजर्व बैंक के मुताबिक वित्त वर्ष 2020 की पहली छमाही में 5.8-6.6 फीसदी जबकि दूसरी छमाही में 7.3-7.5 फीसदी ग्रोथ का अनुमान है.
दरअसल आरबीआई की पिछली तीन मौद्रिक समीक्षा बैठकों में रेपो रेट में क्रमश: 0.25 फीसदी की कटौती की चुकी है. यानी अगस्त में लगातार चौथी बार केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट घटाई है. वहीं रिजर्व बैंक के इतिहास में पहली बार है जब गवर्नर की नियुक्ति के बाद से लगातार चार बार रेपो रेट में कमी आई है. बता दें कि साल 2018 के दिसंबर महीने में उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद शक्तिकांत दास बतौर गवर्नर नियुक्त हुए थे. इसके बाद से अब तक 4 बार आरबीआई की मीटिंग हो चुकी है.