खुल गयी गूगल के AI रोबोट की पोल, 10वीं की परीक्षा में हुआ फेल

कुछ सालों से आ रही रिपोर्ट और एक्सपर्ट्स की राय को मानें तो आने वाले समय में इंसानों की नौकरी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित रोबोट खा जाएंगे और इंसानों की जगह पर रोबोट ही काम करेंगे, लेकिन ऐसा लग रहा है कि इंसानों की जगह रोबोट को लेने में अभी काफी वक्त लगेगा।

गूगल के AI रोबोट

यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि गूगल ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित एक रोबोट तैयार किया है जो हाई स्कूल के मैथ्स के साधारण टेस्ट में फेल हो गया है। इस टेस्ट में रोबोट को 40 में से सिर्फ 14 अंक ही मिले हैं।

डीपमाइंड की रिसर्च टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गूगल के इस एआई सिस्टम को अलजेब्रा, कैलकुलस, प्रोबेबिलिटी जैसे मैथ्स के कई टॉपिक के बारे में अच्छे से ट्रेनिंग दी गई थी, लेकिन बावजूद इसके वह टेस्ट में फेल हो गया है,

वहीं टेस्टिंग के दौरान यह भी बात सामने आई कि रोबोट को प्रश्नों के अनुवादे करने में काफी परेशानी हुई। इसके अलावा प्रश्नों को हल करने में भी रोबोटो को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। इन प्रश्नों में चिन्हों का इस्तेमाल किया गया था जिसे समझने में एआई रोबोट को काफी परेशानी हुई।

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बता दें कि साल 2014 में गूगल ने डीपमाइंड को खरीदा था। डीपमाइंड ब्रिटेन की एक कंपनी है जो एआई रोबोट पर काम करती है और कंपनी ने अभी तक कई रोबोट भी तैयार किए हैं। कंपनी द्वारा बनाया गया प्रोग्राम अल्फा गो काफी लोकप्रिय रहा।

वहीं कंपनी द्वारा तैयार किया गया प्रोग्राम अल्फाजीरो ने शतरंज प्रोग्राम स्टॉक्फिश को हरा दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक अल्फाजीरो सिर्फ 4 घंटे में शतरंज का खेल किसी को भी सिखा सकता है।

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