क्यों नहीं करनी चाहिए सुन्दर लड़कियों से शादी, वजह जानकर आप भी कर लेंगे तौबा…

भारत एक ऐसा देश है जहां 90 प्रतिशत लड़के यही चाहते है कि उनकी शादी एक सुंदर लड़की से हो वो चाहते है उसका रंग गोरा हो। इनमें सी कुछ लड़के ऐसे भी होते हैं जिनको रंग से कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन वो अपने परिवारवालों के दबाव में आकर सुंदर लड़की को ही चुनते हैं।

लेकिन क्या वो उसके साथ जीवन भर खुश रह पाते हैं? यह ज़रूरी तो नहीं कि, सुंदर लड़कियां सर्वगुण संपन्न हों, अरेंज मैरेज में कोई स्त्री के संस्कार, उसका स्वभाव, उसके लक्षण, उसके गुण-अवगुणों के बारे में इतना अच्छे से नहीं जान पाता।

सुन्दर लड़कियों से शादी

ऐसे में सिर्फ सुंदरता देखकर शादी करना मूर्खता होती है। जानकारी के लिए बात दें कि, आचार्य चाणक्य का सुंदरता को लेकर नजरिया ही अलग है।

आचार्य चाणक्य के अनुसार, सिर्फ सुंदरता को देखते हुए कभी शादी जैसा महत्वपूर्ण फैसला नहीं लेना चाहिए। उनका कहना था कि अगर कोई पुरुष सिर्फ सुंदरता को देखकर शादी करता है तो उससे बड़ा कोई मुर्ख नहीं होता है।

इसीलिए एक ही गोत्र में नहीं की जानी चाहिए शादी, वर्ना समाज तो क्या विज्ञान की नजरों में भी जाएंगे गिरबता दें कि, आचार्य चाणक्य ने स्त्रियों के व्यवहार को खास महत्व दिया।

उनके अनुसार अच्छे संस्कारों वाली स्त्री घर को स्वर्ग बना देती है, वह पति और उसके पूरे परिवार का ख्याल रखती है लेकिन बुरे संस्कारों वाली स्त्री घर को नर्क बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ती।

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हम इस बात को नकार नहीं सकते कि, हमारे बड़े बुज़ुर्ग कह गए हैं वो कहीं न कहीं सही है। आचार्य चाणक्य जी कहते हैं कि यह जरुरी नहीं हैं कि हर खूबसूरत लडक़ी चालाक और धोखेबाज हो पर ज्यादातर खूबसूरत दिखने वाली लड़कियां हम मन खूबसूरत नहीं होता उसमें खोट होता है तो ऐसे में सुंदर लड़की से शादी करने से पहले उसके संस्कारों पर भी नज़र रखें।

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