क्या अपने खाएं हैं कभी सब्जियों से बने नूडल्स और आइसक्रीम में गुलाब जामुन

बीते साल में खानपान में इतने बदलाव देखे गए जितने पिछले कुछ सालों में हुई हैं। सबसे खास बात रही कि स्वाद में एक्सपेरिमेंट से लेकर परोसने तक की कला को लोगों ने काफी पसंद किया। इसके अलावा जो बात दूसरे सालों से अलग रही वह है लोगों का शाकाहारी फूड की तरह झुकाव।

शाकाहारी भोजन को काफी पसंद किया गया और अपनाया भी गया। जूडल्स यानी ज़ूकीनी से बना पास्ता या स्पैगेटी, सब्ज़ियों का सालसा और चॉकलेट-फ्रूट पुडिंग 2018 में काफ़ी पसंद किए गए। इस तरह के भोजन को प्लांट बेस्ड डिश कहते हैं यानी पौधे या सब्ज़ियों से बनी ऐसी डिश जिसमें दूध या दूध से बने उत्पाद का इस्तेमाल नहीं होता है। सब्ज़ियों के अलावा फल, अनाज, दाने या फ़लियों से ये डिश तैयार की जाती हैं।

सूखे मेवे, हरी सब्जियां और हल्दी हमेशा से ही सुपरफूड रहे हैं। लेकिन इस साल इन सुपरफूड के साथ कई नए नाम शामिल हुए जैसे- अलसी, चीया यानी सबज़ा, कोको पाउडर। ये सेहतमंद होने के साथ खाने का स्वाद भी बढ़ाते हैं। इन्हें किसी भी व्यंजन में डाला जा सकता है। नया और अनोखा होने की वजह से माचा पाउडर भी इस सुपरफूड की सूची में शामिल रहा। ये ग्रीन-टी पाउडर होता है जिसे ड्रिंक पर डस्टिंग, गार्निशिंग या फ्लेवर के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

अमूमन हम सब्ज़ी का छिलका और जड़ दोनों को हटाने के बाद ही उसे पकाते हैं। लेकिन इस साल जड़-छिलके समेत सब्ज़ियां पसंद की गई। इसमें सब्ज़ी की जड़ का पेस्टो, वेजीटेबल स्टॉक, सूप या सलाद में इस्तेमाल हुआ। गोभी के डंठल की सब्ज़ी या आलू, टिंडा, परवल के छिलकों की सब्ज़ी तैयार गई। गाजर और मूली के पत्तों की भाजी कई रेस्तरां के मेन्यू में शामिल हो गई।
इस साल खाने के नए रंग और रूप ने लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। आइसक्रीम कप में सॉफ्टी, काले रंग के नूडल्स में रंग-बिरंगे बेबी टोमैटो, गोल्डन मिल्क, गुलाबी कॉफी और ब्लैक बर्गर ट्रेंड में रहे। वहीं भारतीय व्यंजनों को भी पश्चिमी अंदाज़ में परोसा जा रहा है जैसे गिलास में चटनी और उसमें कटलेट लॉलीपॉप।

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इसमें पहले कुल्हड़ को तंदूर में गर्म किया जाता है। उसके बाद आधी पकी हुई चाय को इस गर्म किए हुए मिट्टी के कुल्हड़ में डाला जाता है, जिससे चाय में बुलबुले उठने लगते हैं। इससे चाय में स्मोकी फ्लेवर आने लगता है और चाय का स्वाद बढ़ जाता है। इसमें तंदूरी चाय के अलावा तंदूरी कॉफी, चाय मसाला, मटका लेमन चाय जैसे और भी कई फ्लेवर काफी पसंद किए गए। तुर्की की तंदूर चाय भी लोगों को काफ़ी पसंद आई।

मैदे के नूडल्स तो खाए ही होंगे। इस साल मैदे से ज़्यादा सब्ज़ियों से बने नूडल काफ़ी पसंद किए गए हैं। ये आमतौर पर खाए जाने वाले नूडल्स से अलग होते हैं, जो कहीं ज़्यादा पौष्टिक भी होते हैं। इनमें जूडल्स यानी ज़ूकीनी से बने नूडल्ड सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध हैं। सिर्फ़ ज़ूकीनी ही नहीं बल्कि गाजर, खीरा या मूली से नूडल्स बनाए जाते हैं। इन्हें ठीक उसी तरह से बनाया जाता है जिस प्रकार आमतौर पर नूडल्स बनाए जाते हैं।

फ्राइड और तवा आइसक्रीम काफी पसंद की गईं। ये तवे पर बनाई जाती है जो रोल की तरह दिखती है। तवे पर दूध और क्रीम डालकर -23 डिग्री सेंटीग्रेड पर ठंडा किया जाता है। इसमें फल, चॉकलेट चिप्स, कैंडी, कुकीज़, गुलाब जामुन, मीठा पान या मिठाई डालकर मिलाते हैं। तेज़ धार वाले स्पेच्यूला से इसे बारीक़ करके तवे पर फैला देते हैं। फिर रोल बनाकर एक बोल में ओरियो, चॉकलेट के साथ सर्वकिया जाता है।

पोक बोल जापान का एक व्यंजन है। इस बोल में स्वाद और पोषण संतुलित मात्रा में होते हैं। इसमें एक बोल में कई प्रकार के फल रखे जाते हैं, जो स्वाद में एक-दूसरे से बहुत अलग होते हैं। इसमें पपीता, अवोकाडो, गाजर, ब्रोकली, बींस, पालक, मूली को अलग-अलग आकार में सजाकर पेश किया जाता है। वहीं भारत में इसे भारतीय व्यंजन के साथ परोसा जा रहा है। भारतीय व्यंजन पसंद करने वालों के लिए एक बोल में चावल को करी और सलाद आदि के साथ परोसा जा रहा है।

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