कोरोना से गोरखपुर में एक दिन में रिकार्ड नौ मरीजों की हुई मौत, DM की पत्नी-बेटे समेत 240 लोग हुए संक्रमित

गोरखपुर में कोरोना संक्रमण से एक दिन में नौ लोगों की मौत हो गई। इसमें गोरखपुर के पांच, महराजगंज के तीन व देवरिया का एक मरीज है। सभी मौतें पोर्टल पर अपलोड न होने से स्वास्थ्य विभाग ने केवल दो मौतों की सूचना जारी की है। रविवार को कोरोना संक्रमण के नमूनों की जांच में 836 निगेटिव आए। डीएम की पत्नी व आठ वर्षीय बेटे समेत 240 में संक्रमण की पुष्टि हुई। इसमें शहर के 141, शाहपुर व कैंट थाना क्षेत्र के सर्वाधिक 27-27 मरीज शामिल हैं। अब जिले में संक्रमितों की कुल संख्या 15113 हो गई है। 240 की मौत हो चुकी है। 13406 स्वस्थ हो चुके हैं। 1467 सक्रिय रोगी हैं। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने इसकी पुष्टि की।

इनकी हुई मौत

पीपीगंज निवासी 70 वर्षीय व्यक्ति बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज व शहर के रहने वाले 74 वर्षीय व्यक्ति एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। शनिवार की देर रात उनकी मौत हो गई। बीआरडी में भर्ती शाहपुर के सैनिकपुर कालोनी निवासी 73 वर्षीय, सिकरीगंज के एकडंगा निवासी 60 वर्षीय व सूर्यकुंड निवासी 65 वर्षीय व्यक्ति ने रविवार को अंतिम सांस ली। इसी अस्पताल में महराजगंज के पिपरा निवासी 70 वर्षीय, सराय खुटहा निवासी 60 वर्षीय व्यक्ति की रविवार को मौत हो गई। इसी जिले के श्यामदेउरवा निवासी 50 वर्षीय तथा देवरिया के मोतीपुर निवासी 57 वर्षीय व्यक्ति की शनिवर की देर रात मौत हो गई। संक्रमितों में डीएम आवास का एक कर्मचारी व एम्स का एक छात्र भी शामिल है।

भालोटिया में आज लगेगा कोरोना जांच शिविर

भालोटिया मार्केट में थोक एवं फुटकर दवा विक्रेता एवं उनके कर्मचारियों के लिए सोमवार को 12 बजे से कोरोना जांच शिविर लगाया जाएगा। यह जानकारी दवा विक्रेता समिति के अध्यक्ष योगेंद्र नाथ दूबे और महामंत्री आलोक चौरसिया ने दी।

आरआरटी की लापरवाही पर नाराज हुए नोडल अधिकारी, दी चेतावनी

गोरखपुर के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग, गन्ना विकास एवं आबकारी विभाग संजय आर भूसरेड्डी ने कोविड 19 पर नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। एनेक्सी भवन सभागार में आयोजित बैठक में उन्होंने रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) की लापरवाह कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई। नोडल अधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह टीम अपना काम ईमानदारी से करे, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। अपर मुख्य सचिव को मिले फीडबैक में यह बात सामने आयी थी कि आरआरटी अपना काम ठीक से नहीं कर रही है।

स्वास्थ्य विभाग के शहरी क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों के डाॅक्टरों और आरआरटी के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों के संपर्क में रहना आरआरटी का काम है। उनके यहां जाकर उनका हाल जानना है, यदि मरीज घर में रहने लायक नहीं है तो उसे एल-1, एल-2 या एल-3 अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज सुनिश्चत कराया जाए। उनकी अस्पताल जाने की स्थिति है तो अस्पताल भिजवाने का काम आरआरटी को करना है। नोडल अधिकारी ने अधिक से अधिक जांच करने का निर्देश देते हुए कहा कि जो लोग संक्रमित मिलें, उनके संपर्क में आए कम से कम 20 लोगों की पहचान कर उनकी भी जांच करायी जाए। संक्रमितों को जल्द से जल्द चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध करायी जाए।

बैठक के दौरान मंलायुक्त जयंत नार्लिकर ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र के सभी प्रभारी अपने-अपने कार्य का स्वयं आकलन करें। हम सभी को मिलकर कोरोना संक्रमण को रोकना है। उन्होंने कहा कि गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों, वरिष्ठ नागरिकों को होम आइसोलेशन की अनुमति न दी जाए। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने अभी तक किए गए कार्यों की जानकारी दी। बताया कि रोज करीब पांच हजार लोगों की जांच की जा रही है और आइसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों की निगरानी की जा रही है।

मास्क न लगाएं तो न दें पेट्रोल

अपर मुख्य सचिव ने पेट्रोलियम एसोसिएशन, व्यापार मंडल, दवा विक्रेताओं व अन्य संगठनों के पदाधिकारियों से बात कर अपील की कि सभी आम लोगों को मास्क लगाने व दो गज की दूरी का पालन करने के लिए जागरूक करें। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठानों पर यदि कोई बिना मास्क लगाए पाया जाता है तो उसे मास्क लगाने को कहें। यदि वह न माने तो उसे पेट्रोल या सामान न दें।

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