कोरोना संक्रमण के चलते गाज़ियाबाद की एक सोसाईटी में लागू सेक्टर स्कीम का हुआ विरोध

गाज़ियाबाद. गाजियाबाद में कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा वैशाली में सैक्टर स्कीम लागू करते हुते एक सोसाइटी को पूरी तरह सील किया गया।लेकिन वहां रहने वाले कुछ लोगों के द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है । इतना ही नहीं एक अधिवक्ता के द्वारा जिलाधिकारी के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया है।


जनपद गाजियाबाद में कोविड-19 संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। जिसके चलते गाजि़याबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे के द्वारा उन इलाकों को पूरी तरह सील कर दिया गया है। जहां पर कोविड-19 संक्रमण के ज्यादा केस पाए जा रहे हैं, और समस्त गाजियाबाद रेड जोन में सम्मिलित है। इसी कड़ी में गाजियाबाद के वैशाली इलाके में प्रशासन द्वारा सेक्टर स्कीम लागू करने के बाद उसे पूरी तरह सील कर दिया गया है। लेकिन वहां के रहने वाले कुछ लोग इसका जमकर विरोध कर रहे हैं। इतना ही नहीं उस इलाके में रहने वाले एक अधिवक्ता फुजैल ख़ान ने सर्वोच्च न्यायालय में पीआईएल के ज़रिए पिटिशन दायर किया है। जिसमें गाजियाबाद के जिलाधिकारी को ही मुख्य माना गया है, और उनसे तमाम तरह के सवाल खड़े किए गए हैं कि महज एक या दो केस मिलने के बाद ही पूरी कॉलोनी  में हीं सेक्टर स्कीम लागू कर सील क्यों किया गया है।

इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए अधिवक्ता फ़ुजैल ख़ान का कहना कि प्रशासन द्वारा जो वैशाली कॉलोनी में सेक्टर स्कीम लागू की गई है। वह गैर कानूनी तरीके से की गई है। उन्होंने बताया कि गेटवे टावर में 29 मई को एक पॉजिटिव केस सामने आया था। यानी 3 तारीख, 6 दिन बाद महज़ एक के सामने आने के बाद पूरी सोसाइटी को सील कर दिया गया। जो कि गैर कानूनी है ।यानी एक बिल्डिंग में एक केस के बाद 700 लोगों को कैद किया गया है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा दिए गए इस आदेश को और सेक्टर स्कीम को सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल के ज़रिए चैलेंज किया गया है। उन्होंने कहा कि जो नोटिस बिल्डिंग पर लगाया गया है। उसमें यह नहीं लिखा गया है कि, यह स्कीम कितने दिन तक लागू रहेगी आश्चर्य की बात यह है कि सील करने के बाद कोई भी प्रशासनिक अधिकारी यहां रहने वाले लोगों की समस्या या आवश्यक वस्तुओं की जानकारी लेने के लिए नहीं पहुंचा है।

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