कोरोना काल में कैसे मानाएं तीज का त्यौहार

लखनऊ। हरियाली तीज का त्यौहार महिलाओ के लिए बहुत खास होता है इस दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
और भगवान शिव और माता पार्वती जी की विधि पूर्वक पूजा करती है। इस दिन व्रत के साथ-साथ शाम को व्रत की कथा सुनती है। माता पार्वती जी का व्रत पूजन करने से धन, विवाह संतानादि भौतिक सुखों में वृद्धि होती है। साथ ही कुंवारी लड़कियां भी मन पसंद वर की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखकर माता पार्वती की पूजा करती हैं।

सावन मास के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को महिलाएं शिव-पार्वती का विशेष पूजन करती हैं, वही हरियाली तीज कहा जाता है। देश के बड़े भाग में यही पूजन आषाढ़ तृतीया को मनाया जाता है उसे हरितालिका तीज कहते हैं। दोनों में पूजन एक जैसा होता है अत: कथा भी एक जैसी है।
बता दे तीज का त्यौहार महिलाएं बड़ी ही धुम धाम से मानती है पर इस साल कोरोना महामारी का आसर इस पर भी पड़ा है । इस बार महिलाओ को घर में रह कर ही त्यौहार मनाना पड़ेगा। हर वर्ष इस दिन कई जगहों पर झूलते डलते थे, जहां महिलाएं पींगें भरते हुए तीज के गीत गाती थीं, लेकिन इस बार कार्यक्रम रद्द हो गए हैं।


कोरोना के बढते कहर का आसर बाजार के अलावा त्योहारों को भी पूरी तरह पड़ा है। हर वर्ष तीज को लेकर महिलाएं खरीदारी करती थीं, लेकिन इस बार 23 जुलाई को मनाए जानी वाली तीज को लेकर बाजारों भी रौनक नहीं है। हर वर्ष तीज पर्व से एक सप्ताह पहले ही तैयारियां शुरू होती और होटलों में कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं के ग्रुप तीज क्वीन का चयन करती थीं। इसके अलावा तीज के गीतों पर झूमती थीं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। महानगर में पुलिस लाइन, कंपनी गार्डन और हकीकतनगर के रामलीला मैदान के अलावा कई जगहों पर तीज से पहले ही झूले डलते थे, लेकिन इस बार अभी तक कहीं भी झूला नहीं डला है।
बता दे कई जगह पर महिलाओं ने सरकार के दिशा- निर्देशों का पालन करते हुए मंदिरो में परंपरा को कायम रखते हुए झूला डाला, जिसमें सामाजिक दूरी का पालन करते हुए मात्र तीन से चार महिलाएं झूला झूल रही हैं।

LIVE TV