कोटा में अबतक 104 से ज्यादा बच्चों की मौत, आखिर कौन है जिम्मेदार

राजस्थान के कोटा जिले के लोन अस्पताल में नवजातों की मौत का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. लगातार मौत की संख्या बढ़ती ही जा रही है. नवजात बच्चों की मौत का आंकड़ा 104 के पार पहुंच गया है. एक जनवरी को भी तीन से ज्यादा बच्चों की मौत का मामला सामने आया है. यह सिलसिल ऐसी ही बदस्तूर जारी है. स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा भी आज कोटा पहुंच रहे हैं।

कोटा

 

कोटा के सरकारी अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत के मामले में अब केंद्र सरकार भी सक्रिय हो गई है। गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से फोन पर बात करने के बाद विशेषज्ञ दल भेजने के निर्देश दिए। दल अस्पताल में कमियों का विश्लेषण करने बाद तत्काल जरूरी कदमों की अनुशंसा करेगा।

अब राज्य सरकार के साथ-साथ अस्पताल के कर्मियों को भी यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह भी मातृ, नवजात शिशु और बाल चिकित्सा देखभाल सेवाओं की समीक्षा करोगा. इन सब के साथ ही काम को आगे बढ़ाने की भी तैयारियां की जाएगी मेडिकल कॉलेज को वित्तीय सहायता भी दी जाएगी.

विशेषज्ञ दल के सदस्य राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ जे.के. लॉन अस्पताल और मेडिकल कॉलेज कोटा में तीन जनवरी को पहुंचेंगे। इसके बाद एक विस्तृत रिपोर्ट केंद्र को भी भेजेंगे। हर्षवर्धन ने कहा कि हम इस मामले में हर तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने को तैयार हैं।

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गौरतलब है कि कोटा जेके लोन अस्पताल में 30-31 दिसंबर को नौ नवजातों की मौत के साथ अस्पताल में मरने वाले शिशुओं की संख्या 100 पहुंच गई थी। पिछले दो दिनों में चार और बच्चों की मौत हो गई। दूसरी ओर, अस्पताल के शिशु रोग विभाग के प्रभारी डॉ एएल बैरवा ने कहा, यहां 2018 में 1,005 शिशुओं की मौत हुई थी। 2019 में आंकड़ा घटा है। ज्यादातर मौत जन्म के समय कम वजन के कारण हो रही हैं।

 

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