कैसा हो आपका बैठक कक्ष,अपनाएं वास्तु के कुछ सरल नियम
लिविंग रूम एक ऐसा स्थान है जहां परिवार के लोग एक साथ बैठकर कुछ समय बिताते हैं। पूरा दिन कैसा गुजरा इस पर चर्चा करते हैं। ऐसे में इस कक्ष का वास्तु सकारात्मक होना आवश्यक है। परिवार के सदस्यों में कोई मनमुटाव नहीं रहे और उनका जीवन सुखमय हो इसके लिए बहुत ज़रूरी है कि घर का लिविंग रूम वास्तु के अनुरूप हो। इसके साथ ही उसकी दीवारों का रंग, सजावट, फर्नीचर आदि का सही स्थान पर होना आवश्यक है। इन सबके असंतुलित होने से झगड़ा, तनाव, स्वास्थ्य संबंधी जैसी परेशानियां पैदा हो सकती हैं।
सकारात्मक रहे रंग और सजावट-लिविंग रूम की दीवारों का रंग हल्का, शांत व सौम्य होना चाहिए। इसके लिए हल्के नीले, हरे, पीले और पीच रंगों का प्रयोग कर सकते हैं। तामसिक रंग जैसे काला,गहरा नीला या भूरे रंगों के चयन से बचें। भारी सामान एवं अत्याधिक सजावट करना वातावरण को बोझिल बनाता है। दीवारों पर युद्ध, शिकार, रक्तरंजित दृश्य, सूखी हुई ज़मीन व उदासी दर्शाने वाले चित्र लगाने से बचें।
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एक्वेरियम का सही स्थान-फिश एक्वेरियम न सिर्फ़ ख़ुशी देता है बल्कि इससे घर के सदस्यों के ऊपर आने वाली सारी विपत्तियां टल जाती हैं। घर में सकारात्मक ऊर्जा एवं धन आगमन की निरंतरता बनी रहती है। एक्वेरियम को लिविंग रूम के पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना गया है।
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ऐसा हो फर्नीचर-भारी सोफे आदि फर्नीचर दक्षिण या पश्चिम दिशा की दीवार एवं हल्का फर्नीचर पूर्व या उत्तर की दीवार के सहारे रखना शुभ माना गया है। बैठते समय घर के मुखिया का मुख पूर्व या उत्तर में होना अच्छा माना गया है। सकारात्मक ऊर्जा के लिए लकड़ी के ही फर्नीचर रखें। फटा-टूटा फर्नीचर दुर्भाग्य का प्रतीक है इसे रखने से नकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है।